द लोकतंत्र/ स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट के आधुनिक दौर के स्तंभ विराट कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। रोहित शर्मा के रिटायरमेंट के कुछ ही दिनों बाद कोहली का यह फैसला भारतीय क्रिकेट में एक युग के अंत का संकेत देता है, जहां फैंस को अब टेस्ट और टी20 दोनों फॉर्मेट में रोहित-विराट की जोड़ी एक साथ खेलते नहीं दिखेगी। जून 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कोहली ने बीते 14 वर्षों में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।
किंग कोहली के नाम कई कीर्तिमान
बतौर कप्तान कोहली ने न सिर्फ भारत को 40 टेस्ट जीत दिलाई, बल्कि 20 शतक जड़कर खुद को भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में शामिल किया। उन्होंने सात दोहरे शतक लगाकर एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया, जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज के लिए अब तक सर्वाधिक है। विदेशी सरजमीं पर चार-चार शतक लगाने वाले वह पहले भारतीय बने और अपने 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रनों के साथ भारत के चौथे सबसे बड़े टेस्ट स्कोरर भी रहे। 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे और 2016-17 की इंग्लैंड सीरीज में उन्होंने चार-चार शतक जड़े, जो उन्हें एक विदेशी टेस्ट दौरे में चार शतक लगाने वाला पहला भारतीय बनाते हैं।
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विराट कोहली टेस्ट फॉर्मेट में किसी भारतीय द्वारा सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने 14 साल के रेड बॉल करियर में 7 डबल सेंचुरी लगाईं। उनका आखिरी दोहरा शतक 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आया था। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग, दोनों टेस्ट में 6-6 दोहरे शतक लगा चुके हैं।
किंग कोहली का टेस्ट से विदा लेना सिर्फ एक खिलाड़ी के मैदान छोड़ने की खबर नहीं, बल्कि उस जज़्बे, जुनून और नेतृत्व के अंत की भी दास्तां है, जिसने भारतीय टेस्ट टीम को नई पहचान दी। उनके संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में एक स्वर्णिम अध्याय का पटाक्षेप हो गया है। 36 वर्षीय कोहली का टेस्ट करियर जून 2011 में हुआ था और अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर में उन्होंने ढेरों रिकॉर्ड तोड़े हैं।