द लोकतंत्र/ हैदराबाद : एशिया कप 2025 में रविवार (14 सितंबर) को भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराकर शानदार जीत दर्ज की। यह मुकाबला दोनों देशों के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष के बाद पहली बार खेला गया था। जीत के बाद देशभर में क्रिकेट प्रेमियों ने जश्न मनाया, लेकिन यह मैच राजनीतिक विवाद का कारण भी बन गया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को आड़े हाथों लेते हुए सवाल उठाए।
ओवैसी ने मैच के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत को हर मोर्चे पर जीतना चाहिए चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई। लेकिन जीत का पैमाना केवल रन और ट्रॉफी नहीं हो सकता, जब आप ऐसे देश के साथ खेल रहे हों, जहां से आए आतंकी हमारे बेटियों को विधवा और बच्चों को अनाथ बना रहे हैं।
26 भारतीयों की जान ज़्यादा महत्वपूर्ण है या क्रिकेट मैच से कमाए गए पैसे
उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सच में जीत है, जब हम उन लोगों के साथ खेलकर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं, जिन्होंने हमारे 26 निर्दोष नागरिकों का खून बहाया। ओवैसी ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि 26 भारतीयों की जान ज़्यादा महत्वपूर्ण है या क्रिकेट मैच से कमाए गए पैसे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयान ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, आतंक और बातचीत संभव नहीं है’ का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी क्रिकेट आते ही अपनी तथाकथित देशभक्ति की नीति से समझौता कर लेती है। ओवैसी ने कहा कि जब देशभक्ति के नाम पर जनता को समझाने का समय आता है तो भाजपा सख्त रुख दिखाती है, लेकिन जब पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का सवाल होता है तो अरबों रुपये कमाने के लिए नियम बदल जाते हैं।
उन्होंने BCCI से भी सवाल पूछा कि एक क्रिकेट मैच से कितना मुनाफा होगा, दो हज़ार करोड़, तीन हज़ार करोड़? और पूछा कि सरकार बताए कि हमारे 26 नागरिकों की जान की कीमत ज़्यादा है या ये पैसा।
एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर विवाद गहराया
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस सैन्य अभियान में मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। हालांकि इस संघर्ष के बाद भी दोनों देशों के बीच औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई। बावजूद इसके, एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिसने अब नए सिरे से राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।
भारत की इस जीत ने मैदान पर करोड़ों भारतीयों का दिल तो जीता, मगर मैदान के बाहर ओवैसी के बयान ने सरकार और BCCI के सामने नए सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल यह चर्चा तेज़ है कि क्या पाकिस्तान के साथ मैच खेलना सही फैसला था या यह देश की सुरक्षा और शहादत के संदेश के विपरीत है।