द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : आज जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आम आदमी की जेब पर सीधा असर डाल रही हैं और प्रदूषण नियंत्रण कानून दिन-ब-दिन सख्त होते जा रहे हैं, ऐसे में नई कार खरीदने वालों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि इलेक्ट्रिक लें या हाइब्रिड? दोनों तकनीकों के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन सही विकल्प का चुनाव आपकी ज़रूरतों, बजट और चलने की आदतों पर निर्भर करता है।
टेक्नोलॉजी में कौन है आगे?
इलेक्ट्रिक कारें (EVs) पूरी तरह बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं। इन्हें पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होती, और ये चलने के दौरान शून्य प्रदूषण उत्सर्जित करती हैं। इसलिए EVs को पर्यावरण के लिहाज से सबसे स्वच्छ विकल्प माना जाता है। हाइब्रिड कारें दो पावर सिस्टम के साथ आती हैं, एक इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर। इनके तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
- माइल्ड हाइब्रिड, जिसमें मोटर सिर्फ इंजन को सपोर्ट करती है।
- स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, जो सीमित दूरी तक बैटरी से चल सकती है।
- प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV), जिसकी बैटरी को बाहरी चार्जर से चार्ज किया जा सकता है।
माइलेज और रनिंग कॉस्ट
हाइब्रिड कारें, जैसे Toyota Innova Hycross या Maruti Grand Vitara Hybrid, औसतन 28 किलोमीटर प्रति लीटर तक माइलेज देती हैं। वहीं इलेक्ट्रिक कारों की रनिंग कॉस्ट बेहद कम है, लगभग ₹1 प्रति किलोमीटर से भी कम। हालांकि, EVs की सबसे बड़ी सीमा इनकी रेंज है। लेकिन लंबी दूरी तय करते समय चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता एक चुनौती बन जाती है।
चार्जिंग बनाम फ्यूलिंग की सुविधा
शहरों में EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तेज़ी से विकसित हो रहा है, लेकिन छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अभी इसकी भारी कमी है। इसके मुकाबले, हाइब्रिड कारों को चार्ज करने की जरूरत नहीं होती, आप कहीं भी पेट्रोल पंप से फ्यूल लेकर सफर जारी रख सकते हैं।
कीमत और मेंटेनेंस
बात क़ीमत की करें तो इलेक्ट्रिक कारों की शुरुआती कीमत लगभग ₹9 लाख से ₹20 लाख तक जाती है। इनके पास इंजन और गियरबॉक्स न होने के कारण मेंटेनेंस भी कम होता है। हालांकि, अगर बैटरी खराब हो जाए, तो रिप्लेसमेंट लागत भारी हो सकती है। हाइब्रिड कारें ₹15 लाख से ₹22 लाख तक आती हैं और इनमें दो सिस्टम (इंजन + मोटर) होने से इनका मेंटेनेंस थोड़ा अधिक होता है।
अगर आप शहर में सीमित दूरी की यात्रा करते हैं, पर्यावरण के प्रति सजग हैं और मेंटेनेंस में बचत चाहते हैं, तो EV एक स्मार्ट विकल्प है। वहीं, अगर आपकी यात्रा लंबी है, या आप चार्जिंग की चिंता से दूर रहना चाहते हैं, तो हाइब्रिड कारें ज्यादा व्यावहारिक और फ्लेक्सिबल साबित हो सकती हैं।