Advertisement Carousel
Spiritual

Solah Somavaar Vrat : कैसे करें सावन से शुरू होने वाला यह विशेष उपवास, जानें विधि, नियम और लाभ

Sawan Somwar 2025

द लोकतंत्र: श्रावण मास भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र और शक्तिशाली समय माना जाता है। इस महीने के पहले सोमवार से शुरू होकर जो व्रत लगातार 16 सोमवार तक रखा जाता है, उसे सोलह सोमवार व्रत कहते हैं। इस व्रत को लेकर लोगों में यह आम धारणा है कि यह केवल कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भगवान शिव की भक्ति और कृपा प्राप्त करने के लिए कोई भी भक्त इस व्रत को कर सकता है।

सोलह सोमवार व्रत: क्या है इसका महत्व?
भगवान शिव का दिन सोमवार माना जाता है और सावन के महीने में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सोलह सोमवार तक नियमपूर्वक व्रत करता है, उसके जीवन से अशांति, रोग, दरिद्रता और मानसिक क्लेश समाप्त हो जाते हैं। इस व्रत के माध्यम से शिव तत्व से आत्मिक जुड़ाव स्थापित होता है, और साधक के जीवन में शांति, प्रेम और सफलता आती है।

व्रत की पूजन विधि और नियम
प्रत्येक सोमवार को प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

पास के शिव मंदिर जाएं या घर में शिवलिंग के सामने बैठें।

शिवलिंग का जल, दूध, या गंगाजल से अभिषेक करें।

कर्पूर से आरती करें और “ॐ नमः शिवाय” पंचाक्षरी मंत्र का तीन बार जाप करें।

प्रातः और सायंकाल दोनों समय पूजा करें।

प्रदोष काल में दीपक जलाकर शिव की स्तुति करें।

अंतिम सोमवार (16वां) पर रुद्राभिषेक करें या मंदिर में जलाभिषेक के साथ अन्न का दान करें।

मासिक धर्म में कैसे करें पूजा?
जिन महिलाओं को व्रत के दौरान मासिक धर्म आता है, वे शारीरिक पूजा न कर पाने की स्थिति में मानस पूजा (मन में शिव का ध्यान व मंत्र जाप) कर सकती हैं। शिव भक्ति में भाव और श्रद्धा को सर्वोच्च माना गया है।

व्रत के आहार नियम
व्रत से एक दिन पहले हल्का और सात्विक भोजन करें।

व्रत के दिन फलाहार, दूध या केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।

सोमवार को ध्यान, जप और सेवा भाव से बिताएं।

व्रत समापन (17वां सोमवार)
16 सोमवार पूरे होने के बाद 17वें सोमवार को विशेष पूजा, हवन या रुद्राभिषेक करके व्रत का पारायण करें। इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र या शिव संबंधी सामग्री का दान करना शुभ माना जाता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

साधना के चार महीने
Spiritual

Chaturmas 2025: चार महीने की साधना, संयम और सात्विक जीवन का शुभ आरंभ

द लोकतंत्र: चातुर्मास 2025 की शुरुआत 6 जुलाई से हो चुकी है, और यह 1 नवंबर 2025 तक चलेगा। यह चार
SUN SET
Spiritual

संध्याकाल में न करें इन चीजों का लेन-देन, वरना लौट सकती हैं मां लक्ष्मी

द लोकतंत्र : हिंदू धर्म में संध्याकाल यानी शाम का समय देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। यह वक्त

This will close in 0 seconds