द लोकतंत्र : दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती और तबादले से जुड़े अध्यादेश पर लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पेश किया गया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। सदन में हंगामे के बीच इस बिल बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि संसद इस संदर्भ में दिल्ली में कोई भी कानून ला सकती है।
दिल्ली अध्यादेश बिल के विरोध का कोई संवैधानिक आधार नहीं
शाह ने आगे कहा, इस बिल को लेकर ये विरोध राजनैतिक है। विरोध का कोई संवैधानिक आधार नहीं है।उन्होंने कहा कि इस सदन को कानून बनाने का अधिकार है।
बता दें, संसद के मानसून सत्र के नौवें दिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली अध्यादेश बिल को लोकसभा में पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कल लोकसभा में इस बिल को लेकर बहस होगी। बिल पेश करने के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनके प्रेमचंद्रन और शशि थरूर सहित विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पेश करने को लेकर अपना विरोध संसद पटल पर दर्ज कराया।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें, केंद्र सरकार ने बीती 19 मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़ा ये अध्यादेश जारी किया था। इस अध्यादेश के लाने से कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों संबंधी मामलों में निर्णय की शक्तियां दिल्ली सरकार को प्रदान की थीं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस अध्यादेश का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।