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बनियापुर की सियासत में विकास की दस्तक, JBF के संजय कुमार सिंह स्किल, शिक्षा और स्वावलंबन पर दे रहे जोर

Development knocks on the door of Baniyapur politics, JBF's Sanjay Kumar Singh is emphasizing on skill, education and self-reliance

द लोकतंत्र/ बिहार : बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य की राजनीति में बदलाव की बयार अब बनियापुर से बहने लगी है। लंबे समय से जातीय समीकरणों और पारंपरिक वर्चस्व की राजनीति का केंद्र रहे इस क्षेत्र में अब एक नई सोच, नया विज़न और नया नेतृत्व सामने आ रहा है। इस बदलाव का चेहरा हैं जय बिहार फाउंडेशन के संस्थापक और उद्यमी संजय कुमार सिंह, जिन्होंने बनियापुर विधानसभा में अपनी गहरी जनसंपर्क, साफ-सुथरी छवि और सामाजिक कार्यों के जरिए सियासी हलचल तेज कर दी है।

चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, क्षेत्र में संजय कुमार सिंह का ‘विकसित बनियापुर हमारा संकल्प’ कैम्पेन चर्चा का विषय बन चुका है। साथ ही इस बात की अटकलें भी तेज हैं कि वे राजद या VIP पार्टी का दामन थामकर चुनाव लड़ेंगे। क्षेत्र में अच्छी छवि और जय बिहार फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वारा किए जा रहे कार्यों की वजह से हर दल से उनके संबंध अच्छे हैं। हालांकि संजय सिंह ने अब तक किसी पार्टी को लेकर औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन क्षेत्र में उनकी बढ़ती सक्रियता, गांव-गांव में टीम के गठन की क़वायद और जनसंवाद स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में एक निर्णायक भूमिका निभाने जा रहे हैं।

जात नहीं, काम की राजनीति, बनियापुर में एजेंडा बदल रहे हैं संजय सिंह

बिहार की राजनीति परंपरागत रूप से जातीय समीकरणों पर उलझी रही है, लेकिन बनियापुर विधानसभा में इसके अतिरिक्त भी एक समीकरण चर्चा में रहा है और वह है प्रभुनाथ सिंह वर्सेज़ तारकेश्वर सिंह। प्रभुनाथ सिंह और तारकेश्वर सिंह दोनों ही सजायाफ़्ता हैं ऐसे में संजय कुमार सिंह जो चार बार के विधायक तारकेश्वर सिंह के चचेरे भाई हैं वह इस बार लोगों की उम्मीद हैं। हालाँकि, संजय कुमार सिंह कहते हैं कि समय बदल चुका है और बनियापुर की राजनीति भी बदलनी चाहिए। अदला-बदला की राजनीति ख़त्म हो गई है। गन कल्चर पर अब लैपटॉप कल्चर हावी है। अपराध, परिवारों को तबाह करते हैं जबकि शिक्षा परिवार का निर्माण।

बिहार के जातीय समीकरणों को ख़ारिज करते हुए उनका नारा- ‘जात नहीं, विकास देखो‘ जनजन की जुबान पर है। वे कहते हैं, अब समय आ गया है कि नेता को उसकी नीयत, नीतियों और नतीजों से परखा जाए, ना कि जाति या बिरादरी से। यही वजह है कि वे युवाओं, किसानों, महिलाओं और बेरोज़गारों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

उनकी संस्था जय बिहार फाउंडेशन, जो 2023 में शुरू हुई थी, आज बनियापुर से मशरक तक गांव-गांव में विकास की मशाल जलाए हुए है। संस्था द्वारा स्किल ट्रेनिंग, स्वास्थ्य शिविर, छात्रवृत्तियां और स्वावलंबन अभियान जैसे कार्यक्रमों ने लोगों के जीवन में सीधा सकारात्मक असर डाला है। सैकड़ों युवाओं को इन्होंने EV इंडस्ट्री में रोज़गार दिया है।

EV क्रांति और रोजगार का नया रास्ता, आत्मनिर्भर बनियापुर की नींव

एक उद्यमी होने के नाते संजय सिंह ने अपने अनुभव का उपयोग कर बिहार में ईवी क्रांति की की शुरुआत करने का निर्णय लिया है जिसके तहत पहले फ़ेज में बिहार के सभी ज़िलों में चार्जिंग स्टेशन लगाये जाने हैं जिसके लिए संजय कुमार सिंह ने पहल शुरू कर दी है। उनके इस पहल से राज्य में ही सैकड़ों युवाओं को तकनीकी और ऑपरेशनल रोजगार मिल सकेगा। उनका मानना है कि अगर युवाओं को उनके गांव में सम्मानजनक रोजगार मिलेगा, तो वे पलायन नहीं करेंगे। यही कारण है कि उन्होंने अपने राजनीतिक विजन में ‘प्रवासन-मुक्त बिहार’ को प्राथमिकता दी है।

संजय कुमार सिंह का यह मॉडल, जहां औद्योगिक विकास, स्किल डेवलपमेंट और सामाजिक सेवा का समावेश है, आज बनियापुर विधानसभा के मतदाताओं के लिए उम्मीद की किरण बन गया है। उनके कार्यक्रमों का असर केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि सुदूर गांवों तक पहुंच चुका है, जहां लोग पहली बार किसी नेता को ‘अपना’ महसूस कर रहे हैं।

सियासी समीकरणों में उलटफेर संभव, बनियापुर बनी ‘हॉट सीट’

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो संजय सिंह के आने से 2025 का चुनाव त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय हो सकता है। जहां पुराने दल अपने जातीय आधार को साधने में लगे हैं, वहीं संजय सिंह विकास और मुद्दों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। यह रणनीति उन मतदाताओं को आकर्षित कर रही है जो परंपरागत राजनीति से ऊब चुके हैं।

बनियापुर में भाजपा, राजद, कांग्रेस और जनसुराज के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद जारी है, लेकिन संजय सिंह एक ऐसा चेहरा बनकर उभरे हैं जो इन सभी समीकरणों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। उनके राजनीति में आने से सभी दलों की रणनीतियों में बदलाव साफ देखा जा सकता है।

नया नेतृत्व, नई उम्मीद: बनियापुर से बिहार तक पहुंचता विज़न

आज जब पूरा देश विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, तब बिहार और खासकर बनियापुर को ऐसा नेतृत्व चाहिए जो केवल चुनावी वादे नहीं, बल्कि जमीन पर बदलाव लाने का साहस रखता हो। संजय कुमार सिंह की कार्यशैली, उनका दृष्टिकोण और अब तक के कार्य यही बताते हैं कि वे राजनीति में नई संस्कृति की शुरुआत कर सकते हैं।

उनकी सोच स्पष्ट है, नेता वही जो गांव में दिखे, समस्या सुने, समाधान दे और जवाबदेह रहे। शायद यही कारण है कि बनियापुर की जनता अब उनसे केवल सवाल नहीं कर रही, बल्कि उन्हें जवाब के रूप में देख रही है। सोशल मीडिया पर भी संजय कुमार सिंह का कैम्पेन चर्चा का विषय बना हुआ है। जैसे जैसे चुनाव की तपिश बढ़ रही है उनका सोशल मीडिया कैम्पेन तेज़ी पकड़ता जा रहा है। उनके द्वारा शुरू किया गया सोशल मीडिया कैम्पेन – ‘विकसित बनियापुर, हमारा संकल्प’ जन जन की ज़ुबान पर चढ़ चुका है।

Team The Loktantra

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