द लोकतंत्र : नोएडा – गाज़ियाबाद की हवा जहरीली हो गयी है। एयर क़्वालिटी इंडेक्स ( Air Quality Index ) 350 पार पहुँच गया है। साथ ही यूपी के कई जिलों में वायु गुणवत्ता लगातार खराब श्रेणी में है। दिल्ली से सटे जिलों नोएडा – गाज़ियाबाद में हालात काफी गंभीर हैं। यहां लोगों का सांस लेना खतरनाक होता जा रहा है।
Air Quality Index – ग्रेटर नोएडा में एयर क़्वालिटी रेड जोन में
ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में आ गया है। यहां हवा की गुणवत्ता बेहद खराब की श्रेणी में है और एक्यूआई 350 दर्ज किया गया है। दिल्ली से सटे मेरठ में भी धीरे-धीरे हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। गाजियाबाद में भी हालात बिगड़ रहे हैं और एक्यूआई लगातार रेड जोन में बना हुआ है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार, शनिवार को गाज़ियाबाद के लोनी का एक्यूआई 379 दर्ज किया गया।
क्या होता है Air Quality Index और कैसे करता है काम
Air Quality Index यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक दरअसल एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा का गुणवत्ता पता लगाया जाता है। भारत में एक्यूआई को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरोमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लॉन्च किया। इसे ‘एक संख्या, एक रंग, एक विवरण’ के आधार पर लॉन्च किया गया था। देश की एक बड़ी आबादी शिक्षित नहीं है उन्हें प्रदुषण की गंभीरता को समझाने के उद्देश्य से नम्बर्स के अलावा रंगो का भी प्रयोग किया जाता है।
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एक्यूआई को इसकी रीडिंग के आधार पर छह कैटेगरी में बांटा गया है। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
स्लो पॉइज़न है वायु प्रदुषण, जोखिम में आपकी जान
दूषित हवा या सइंटिफ़िक शब्दों में हैवी एयर क़्वालिटी इंडेक्स ( 100 से ऊपर इंडेक्स वाली ) हवा स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है और यह आपके लिए धीमा जहर है जो धीरे धीरे आपको मौत की तरफ धकेल रहा है। बता दें कि जब हवा में सूक्ष्म पीएम 2.5 कण मौजूद होते हैं तब गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं सामने आने लगती हैं। कई रिसर्च बताती हैं कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र करीब 10 साल तक कम होती जा रही है।