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Sharad Purnima 2025: इस दिन भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां, नहीं तो रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी

the loktantra

द लोकतंत्र : Sharad Purnima 2025 का त्योहार इस साल 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन चंद्रमा की सोलह कलाओं से परिपूर्ण माना जाता है, और ऐसा विश्वास है कि इसी रात मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं। यही कारण है कि इस दिन को धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति से जोड़ा गया है।

कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में अमृत का संचार होता है। इसी वजह से इस रात लोग खीर बनाकर चांदनी में रखकर उसका सेवन करते हैं। लेकिन ज्योतिषविदों के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती भी आर्थिक हानि का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा पर किन चार बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

दूध, चीनी और चावल का न लें उधार

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके लिए सामग्री उधार लेना अशुभ समझा जाता है। दूध, चावल और चीनी — ये तीनों वस्तुएं चंद्रमा से संबंधित हैं। इसलिए इन्हें अपनी मेहनत की कमाई से खरीदकर ही खीर बनाएं और मां लक्ष्मी को भोग लगाएं।

भोजन या अन्न का न करें अपमान

मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी दोनों ही अन्न से जुड़ी देवियां हैं। यदि इस दिन भोजन की बर्बादी या अपमान किया जाए तो देवी नाराज हो सकती हैं। कहा जाता है कि अन्न का अपमान करने से घर की सुख-समृद्धि चली जाती है।

सूर्यास्त के बाद धन का न करें लेन-देन

शरद पूर्णिमा की शाम के बाद धन का लेन-देन करना मां लक्ष्मी को अप्रसन्न कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि किसी से उधार न लें और न ही किसी को पैसे दें। यदि आवश्यक हो तो यह काम सूर्यास्त से पहले ही पूरा कर लें।

घर में विशेषकर मुख्य द्वार पर न रखें गंदगी

मां लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है। इस दिन घर के मुख्य द्वार और उत्तर दिशा को विशेष रूप से साफ-सुथरा रखें। ध्यान रहे कि शाम के बाद झाड़ू लगाना निषेध है। इसलिए घर की सफाई दोपहर तक पूरी कर लें।

शरद पूर्णिमा केवल चंद्रमा के दर्शन का अवसर नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और आर्थिक उन्नति का पर्व भी है। इस दिन श्रद्धा और सफाई के साथ पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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