द लोकतंत्र : कर्नाटक में जाति जनगणना के मसले पर राज्यसभा में बीजेपी नेताओं ने डीके शिवकुमार के बयान का हवाला देकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को घेरने की कोशिश की। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से पूछा, खरगे जी हमें यह बताएं कि आपकी सरकार जाति सर्वे की रिपोर्ट कब सार्वजनिक करेगी। डिप्टी मुख्यमंत्री ने तो रिपोर्ट पब्लिक न करने के लिए एक याचिका साइन कर रखी है।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले – शिवकुमार और बीजेपी दोनों ही जाति जनगणना के खिलाफ
दरअसल, कर्नाटक में जातिगत जनगणना कांग्रेस पार्टी के लिए सिर दर्द बन गई है। जाति जनगणना को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पिछले महीने कहा था कि विभिन्न समुदायों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मांग पर विचार किया जाना चाहिए। शिवकुमार ने इस संबंध में सौंपे गए ज्ञापन पर अपने हस्ताक्षर भी किए थे कि वर्तमान जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इसी सन्दर्भ में भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष की खिंचाई की जिसके बाद खरगे भड़क गए।
अपने डिप्टी सीएम को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, शिवकुमार और बीजेपी दोनों ही जाति जनगणना रिपोर्ट के खिलाफ हैं। वे (डीके शिवकुमार) भी विरोध कर रहे हैं और आप (बीजेपी) भी। दोनों इस मामले पर एक हो। यह जाति का चरित्र है। ऊंची जाति के लोग आपस में एक हो जाएंगे।
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बता दें, जातीय जनगणना के नतीजों को जारी करने वाला पहला राज्य बिहार है। बिहार के नतीजों से पता चलता है कि जहां आबादी में सवर्ण जातियों की हिस्सेदारी सिर्फ 15 फीसदी है वही दूसरी जातियों की हिस्सेदारी 85 फीसदी है। कर्नाटक में भले ही बिहार से पहले जातीय जनगणना हुई है, लेकिन अब तक सरकार ने इसके नतीजे जारी नहीं किए हैं। हालाँकि, 2018 में नतीजों की रिपोर्ट लीक हुई थी। इसके मुताबिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जातियों की आबादी राज्य में सबसे ज्यादा है।