द लोकतंत्र : ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Mosque ) को लेकर चल रहे विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय जजों की बेंच मस्जिद के वजूखाने के वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वे की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई करेगा।
दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय में हिंदू पक्ष की तरफ़ से वजूखाने के सर्वे की मांग वाली अर्जी दायर की गई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। वाराणसी जिला अदालत की तरफ से पहले ही ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा-अर्चना की इजाजत दे दी गई है। हालाँकि मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी।
Gyanvapi Mosque में व्यासजी तहख़ाने में मिल चुकी है पूजा की अनुमति
बता दें, ज्ञानवापी केस में बीते बुधवार (31 जनवरी) को वाराणसी जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाना में पूजा का अधिकार दिया था। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने यह फैसला सुनाया था। जस्टिस विश्वेश ने अपने रिटायरमेंट से कुछ घंटे पहले यह बड़ा फैसला सुनाया।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने की ASI सर्वे कराने की माँग को लेकर हिंदू पक्ष ने याचिका डाली थी। हिंदू पक्ष ने कहा कि बिना शिवलिंग को क्षति पहुँचाये ASI वहाँ सर्वे करे। दरअसल, वहाँ शिवलिंग जैसा स्ट्रक्चर मिलने की वजह से वजूखाना सील कर दिया गया था। अपनी याचिका में हिंदू पक्ष ने कोर्ट में 19 मई 2023 के आदेश को रद्द करने का निर्देश देने की माँग की है।
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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने यह मामला आइटम 35 के तौर पर अंजुमन इंतजामिया मसजिद बनाम राखी सिंह और अन्य की अर्जी लगी है। हिंदू पक्ष ने कहा है कि इस क्षेत्र का मुसलमानों के लिए कोई धार्मिक महत्व नहीं है क्योंकि उनके अनुसार वहां एक कथित फव्वारा है। आधुनिक निर्माण जानबूझकर शिवलिंग से जुड़ी मूल विशेषताओं जैसे पीठ, पीठिका आदि को छिपाने के लिए किया गया है। हिंदू पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग के क्षेत्र को कृत्रिम दीवारें खड़ी करके घेर दिया गया है।
हिन्दू पक्ष की याचिका में ज्ञानवापी मे सील एरिया को भी खोले जाने की मांग की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से सील क्षेत्र में सर्वे पर रोक लगाने के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई गई है। अर्जी में विवादित स्थल को कृत्रिम दीवारों से सील किए गए वाराणसी मस्जिद के 10 तहखानों को खोलने और उनमें ASI के जरिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की इजाजत देने की मांग भी की गई है।