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UP Budget 2024 : 7.5 लाख करोड़ से तेज होगी यूपी के विकास की रफ़्तार, विपक्ष ने कहा – सिर्फ हवा हवाई बातें हैं

UP Budget 2024: The pace of development of UP will be faster than Rs 7.5 lakh crore, the opposition said - it is just mere talk

द लोकतंत्र : UP Budget 2024 उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज सोमवार (5 फरवरी) को वर्ष 2024-25 का बजट सदन में पेश क‍िया। योगी सरकार का यह आठवां बजट है। साथ ही, उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। यह 7,36,437.71 करोड़ रुपये का बजट है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि इतने बड़े बजट से यूपी के विकास की रफ्तार और तेज होनी तय है।

UP Budget 2024 में शहरों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए बजट का आवंटन

योगी सरकार ने प्रदेश के शहरों को विश्वस्तरीय बनाने व इनमें रहने वालों का जीवन सुगम बनाने के लिए काफ़ी धनराशि का प्रावधान किया है। शहरों की मूलभूत मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए करीब आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जलभराव व बाढ़ से निपटने के लिए ड्रेनेज की एक हजार करोड़ रुपये की नई योजना लाई गई है।

प्रदेश सरकार ने युवाओं और प्रोफेशनल ट्रेनिंग करने वालों के माध्यम से इसे अपनाने का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए आईटीआई जैसे प्रशिक्षण संस्थानों को बेहतर करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए टाटा जैसी प्रमुख संस्थाओं के साथ समन्वय किया गया है। 

योगी सरकार के बजट में 6 लाख 6 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियां तथा 1 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। इसके अलावा राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 4 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 2 लाख 70 हजार 86 करोड रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2.18,816.84 करोड़ रुपये) शामिल है।

विपक्ष ने क्या कहा?

योगी सरकार के इस बजट पर बसपा सुप्रीमो मावाती ने तंज कसा है। योगी सरकार के बजट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज सदन में पेश वर्ष 2024-25 का बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है। सरकार की विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी जगह, किन्तु क्या विकास सम्बंधी सरकार के पिछले सारे वादे पूरे हो गये हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी।

उन्होंने आगे लिखा, यूपी सरकार सर्वसमाज के हित, विकास व कानून-व्यवस्था के सम्बंध में जितने भी दावे और वादे बजट में करती है उसका सही से अनुपालन जरूरी तभी राज्य के लोगों की अपार गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन आदि दूर हो पाएगा, जिसका फिर सीधा प्रभाव देश के विकास व यहाँ के लोगों की उन्नति पर पड़ेगा।

अखिलेश यादव ने भी बजट की आलोचना की

वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के बजट का 90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 10 प्रतिशत सम्पन्न लोगों के लिए है और 90 प्रतिशत लोगों के लिए सिर्फ 10 प्रतिशत दिया गया है। इस बजट से क्या महंगाई से राहत मिल रही है, या किसानों की आय दोगुनी हो रही है। दूसरे प्रदेश यूपी से ज्यादा गन्ने की कीमत दे रहे हैं। क्या 20 रुपए बढ़ाने से ही किसान की आय दोगुनी हो जाएगी। यह नौकरी की बात नहीं कर रहे।

यह भी पढ़ें : लोकसभा में पीएम मोदी बोले – विपक्ष लंबे समय तक विपक्ष में ही रहेगा, चुनाव लड़ने का खो चुका हौसला

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश के 22 करोड़ लोगों को निराश किया है, पिछले बजट को खर्च नहीं कर पाए और इस बार बजट का नंबर बढ़ा दिया, नंबर बढ़ने से विकास नहीं हो जाता। अब प्रदेश की भाजपा सरकार जब हर मोर्चे पर असफल हो चुकी है तो सिर्फ धर्म की आड़ ले रही है, जनता लोकसभा चुनाव में इनको जवाब देने जा रही है।

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Team The Loktantra

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