द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव से पहले NCP शरद पवार गुट के लिए अच्छी खबर है। शरद गुट को चुनाव आयोग से नई पहचान मिल गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार को नया चुनाव चिह्न तुतारी (तुरहा बजाते हुए एक व्यक्ति) आवंटित किया है। दरअसल तुतारी एक तरह का पारंपरिक वाद्य यंत्र है। नए चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए पार्टी ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व का विषय है।
शरद पवार की पार्टी ने कहा कि महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, आंबेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, यह ‘तुतारी’ शरद पवार के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है। शरद पवार गुट ने कहा कि हमारे कैंडिडेट इसी चुनावी सिंबल के साथ मैदान में उतरेंगे।
सिम्बल के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी शरद पवार गुट
दरअसल, शरद पवार गुट ने पार्टी के लिए तीन नाम चुनाव आयोग को दिए थे। इसमें से चुनाव ने ‘एनसीपी शरद चंद्र पवार’ पर मुहर लगाई थी। हालाँकि चुनाव आयोग ने पार्टी के सिंबल पर फैसला नहीं दिया था। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 19 फरवरी को कोर्ट ने आदेश दिया था कि चुनाव आयोग एक हफ्ते के भीतर सिंबल आवंटिक करे।
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पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिवराय का शौर्य आज ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरद चंद्र पवार’ के लिए गौरव का विषय है।
अजित ने चुनी थी अलग राह जिससे टूट गई पार्टी
बता दें, पिछले साल जुलाई में एनसीपी का विभाजन हो गया था। अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। साथ ही अजित पवार ने एनसीपी पर दावा ठोक दिया था जिसके बाद मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा और चुनाव आयोग की तरफ से अजित पवार के पक्ष में फैसला दिया गया। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी करार दिया।