द लोकतंत्र : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा कि अग्निपथ योजना देश के जवानों के साथ भेदभाव करने वाली है। इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि उन करीब दो लाख नौजवानों के साथ न्याय किया जाए, जिनका चयन सेना की नियमित सेवा में होने की बावजूद उनकी भर्ती नहीं की गई है।
केंद्र पर लगाया आरोप, अग्निपथ योजना भेदभाव पैदा करने वाली
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, सरकार इनकी भर्ती रोककर अग्निपथ योजना लेकर आई, जिसके कारण इन युवाओं को पीड़ा झेलनी पड़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में लिखा, हाल ही में मैं इन नौजवानों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि 2019 और 2022 के बीच लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को सूचित किया गया था कि उन्हें तीन सशस्त्र सेवाओं- सेना, नौसेना और वायु सेना में चयनित कर लिया गया है। इन युवाओं ने कठिन मानसिक और शारीरिक परीक्षण तथा लिखित परीक्षा पास करने के लिए सभी बाधाओं के बावजूद संघर्ष किया था।
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कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, अग्निपथ योजना के साथ कई मुद्दे जुड़े हैं। यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है। चार साल की सेवा के बाद अधिकतर अग्निवीरों को नौकरी ढूंढने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
राष्ट्रपति से की न्याय की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि हताशा और निराशा के कारण कई ने खुदकुशी तक कर ली है। उन्होंने लिखा, अपने सपने को पूरा करने में उन्हें (अभ्यर्थी) न केवल कई साल लग गए बल्कि 50 लाख आवेदकों में से प्रत्येक को 250 रुपये जमा करने पड़े, जो इन युवाओं से लिए गए 125 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि है। हमारे युवाओं को इस तरह से पीड़ा झेलने नहीं दिया जा सकता। मैं आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि न्याय हो।
कब अस्तित्व में आयी थी अग्निपथ योजना
जून 2022 में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना पेश की थी। इसके तहत युवाओं को शॉर्ट टर्म के लिए सैन्य बलों में सेवा का मौका दिया जाता है। इस योजना का मकसद सेना की औसत उम्र को कम करना है। इस योजना के तहत 17 साल से 21 साल के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। चार साल के बाद सैन्य बलों में भर्ती किए गए अग्निवीरों में से 25 फीसदी को अगले 15 साल के लिए सेना में नियुक्ति दी जाती है और बाकी लोगों को एक तय रकम देकर रिटायर कर दिया जाता है।