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मेरठ में 13 वर्षीय छात्र की आई-कार्ड की डोरी से गला घुटने से ‘Tragic Death’, क्या स्कूल सुरक्षा नियमों पर पुनर्विचार की है ज़रूरत?

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द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित सैनिक विहार में सोमवार शाम एक दर्दनाक और अविश्वसनीय हादसा सामने आया है। आठवीं कक्षा के 13 वर्षीय छात्र लक्ष्य बालियान की मौत गले में पहनने वाले स्कूल के आई-कार्ड की डोरी से गला घुटने के कारण हो गई। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, हाथ धोने के दौरान बाथरूम की टोटी में आई-कार्ड का रिबन फंस गया, जिससे सांस लेने में दिक्कत हुई और मौत हो गई। इस अप्रत्याशित घटना ने बच्चों की दैनिक सुरक्षा से जुड़े मामलों पर गहन प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण और पुलिस जांच

यह घटना तब हुई जब लक्ष्य शाम 6:00 बजे के करीब ट्यूशन से घर लौटा और बाथरूम में हाथ-मुँह धोने गया।

  • मौत का कारण: बताया जा रहा है कि स्कूल के नियमों के अनुसार, गले में पहना जाने वाला आई-कार्ड का रिबन बाथरूम की टोटी में फंस गया, जिससे उसका गला घुट गया। गला घुटने से उसकी साँसें थम गईं।
  • पुलिस की कार्रवाई: एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस को मेमो मिला था और प्राथमिक जांच में आई-कार्ड का रिबन टोटी में फंसने से गला घुटने की बात सामने आई है।
  • फोरेंसिक टीम: पुलिस इस मामले में कोई भी पहलू अछूता नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए, गहनता से जांच के लिए घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया, जिसने महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए हैं। एसपी सिटी ने कहा है कि जांच में कोई अन्य पहलू सामने आने पर उस पर कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा नियमों पर पुनर्विचार की आवश्यकता

लक्ष्य बालियान की दर्दनाक मौत एक चेतावनी है कि बच्चों के लिए बनाए गए साधारण नियम भी अनजाने में गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

  • डिजाइन में खामी: विशेषज्ञों का मानना है कि आई-कार्ड की डोरी या रिबन को डिजाइन करते समय सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखना अनिवार्य है। कई विकसित देशों में बच्चों के पहनावे या एक्सेसरीज में ऐसे त्वरित रिलीज़ मैकेनिज्म (quick release mechanisms) का इस्तेमाल किया जाता है जो दबाव पड़ने पर तुरंत खुल जाते हैं, जिससे गला घुटने का खतरा टलता है।
  • जागरूकता का अभाव: बच्चों और अभिभावकों को इस तरह के साधारण खतरों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। स्कूल प्रशासन को आई-कार्ड पहनने के नियमों की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रयोग की जाने वाली सामग्री सुरक्षा के मानकों पर खरी उतरती हो।

यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि स्कूल सुरक्षा और उत्पाद डिजाइन में व्याप्त संभावित जोखिमों को उजागर करती है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

Team The Loktantra

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