द लोकतंत्र : लगता है इन दिनों अखिलेश यादव का एक्स हैंडल उनके पुत्र अर्जुन चला रहे हैं। जुमला और गारंटी मिलकर बन गया ‘जुमांटी’ शब्द गढ़कर एक्स पर पोस्ट हुआ है। दरअसल स्कूल में बच्चे शब्दों को तोड़ मरोड़ कर नये शब्द गढ़ देते हैं। उन्हें बहुत मज़ा आता है ऐसे शब्दों से खेलने में। बचपन में हम सभी ने ऐसी हरकतें की हैं। सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आज अपने एक्स हैंडल से एक ऐसा ही ‘शब्द’ पोस्ट किया है। पोस्ट में उन्होंने लिखा, जुमला+गारंटी= जुमांटी। साथ ही यह भी लिखा है कि, लोकसभा चुनाव ‘भाजपाई जुमांटी’ को हराने के लिए होगा।
सबसे पहले पढ़िए अखिलेश यादव का पूरा एक्स पोस्ट
अखिलेश यादव के एक्स हैंडल से जो पोस्ट हुआ है उसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘भाजपा कुराज’ में बेरोज़गार बैठे उप्र के रचनात्मक-प्रतिभावान युवाओं ने भाजपावालों के झूठे वादों के लिए जो नया शब्द समीकरण दिया है, वो स्वागतयोग्य है और अति प्रशंसनीय भी: जुमला+गारंटी= जुमांटी।
उन्होंने आगे लिखा, भाजपा वाले अब जहाँ-जहाँ जाएंगे, वहाँ-वहाँ भाजपाई झूठ की पोल खोलता ये एक अकेला शब्द ‘जुमांटी’ उनको दिखेगा और वो सिर झुकाकर भाग खड़े होंगे। लोकसभा चुनाव ‘भाजपाई जुमांटी’ को हराने के लिए होगा! उप्र और देश की युवा शक्ति ज़िंदाबाद!
सियासत में जाने क्यों मुद्दों पर बात करने की बजाय हल्के शब्दों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। सटायर अगर गहरे अर्थों को समेटने वाला न हो तो वह प्रभाव नहीं छोड़ता। रचनात्मकता कुछ भी और कैसे भी लिख देने में नहीं है। रचनात्मकता का वास्तविक अर्थ संवाद को साथर्क दिशा देना है।
अखिलेश के एक्स हैंडल के कमेंट में उनके समर्थक भले ही वाह भइया, जय हो भैया करते हुए भारतीय जनता पार्टी को हराने का दावा करें लेकिन शीर्ष नेताओं द्वारा गंभीरता से आम जनता के बीच जाकर जनता से जुड़े मुद्दों पर जबतक बात नहीं होगी, कोई बात नहीं बनेगी। संभव है भाजपा उत्तर प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर जीत जाए।
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समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष की सभी पार्टियों ने भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट होकर संविधान बचाने की लड़ायी लड़ने का संकल्प लिया है। ऐसे में जिन जन आकांक्षाओं को पूरा करने की ज़िम्मेदारी उनपर है उसे ऐसे हल्के शब्दों से धराशायी करने का प्रयास बचकानी हरकतें हैं। विपक्षी दलों द्वारा आम जन के बीच ऐसा कुछ भी ‘डिलीवर’ नहीं हो रहा है जिससे आम-जनमानस का विश्वास विपक्षी दलों के प्रति बढ़े। लड़ना आपको है, संविधान बचाने आप निकले हैं, जनता का भरोसा आपको जीतना है, सीटें आपको लानी है तो तय भी आप ही करेंगे कि जनता को भरोसे में कैसे लिया जाये।