Politics

आखिर क्या बात हुई कि बीच चुनाव संजय निरुपम पर गिर गई गाज, उनके पास क्या विकल्प बचा

What happened that Sanjay Nirupam fell in the midst of elections, what option was left for him?

द लोकतंत्र : चुनाव का मौक़ा हो और अगर किसी दल का नेता पार्टी छोड़ता है या पार्टी उसे छोड़ती है तो दोनों कंडीशन में नुकसान सियासी दल के हिस्से में ही आती है। महाराष्ट्र में कांग्रेस आजकल नुकसान के दौर से गुजर रही है। एक के बाद एक बड़े नेता पार्टी से अलग होते जा रहे हैं। इसी क्रम में पार्टी से नाराज़ चल रहे संजय निरुपम की भी कांग्रेस पार्टी से छुट्टी हो गई है। मजबूरी में कांग्रेस पार्टी ने निरुपम को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। दरअसल, संजय निरुपम मुंबई नार्थ वेस्ट सीट शिवसेना यूबीटी को दिए जाने से नाराज थे। उन्होंने हाईकमान को इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए सात दिन का समय दिया था। हालाँकि इसके पहले ही पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर संजय निरुपम को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।

दरअसल, अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजी की शिकायतों के चलते कांग्रेस ने अपने स्टार कैम्पेनर संजय निरुपम के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की है। इसके पहले उन्हें स्टार कैम्पेनर की लिस्ट से निकाला गया बाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संजय निरुपम के निष्कासन को मंजूरी दे दी और तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया।

पार्टी अपनी ऊर्जा और स्टेशनरी मुझ पर खर्च न करे

इधर पार्टी के फैसलों से नाराज निरुपम ने कहा है कि पार्टी अपनी ऊर्जा और स्टेशनरी मुझ पर खर्च न करे। कल मैं बड़ा फैसला कर लूंगा। अपने एक्स पोस्ट पर निरुपम ने लिखा, कॉंग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे। बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है। कल मैं खुद फ़ैसला ले लूँगा।

निरुपम के पार्टी छोड़ने के पूर्व ही निष्कासन

संजय निरुपम गुरुवार को कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले थे। लेकिन उसके पहले ही कांग्रेस ने अनुशासनहीनता को लेकर उनके निष्कासन की प्रक्रिया पर आगे बढ़ गई। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि संजय निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था। हमने उसे हटा दिया है। जिस तरह से उनके बयान आ रहे हैं, वे पार्टी विरोधी हैं।

क्या विकल्प अपनायेंगे निरुपम

दरअसल, संजय निरुपम मुंबई नार्थ वेस्ट सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन गठबंधन के अन्तर्गत यह सीट शिवसेना यूबीटी के हिस्से में चली गई जिसके बाद संजय नाराज़ हो गये और पार्टी को पुनः विचार करने का अल्टीमेटम दे दिया। हालाँकि उन्हें अब कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया है तो सवाल उठता है कि उनके पास आगे कौन से विकल्प शेष हैं। मुंबई नार्थ वेस्ट सीट से उद्धव ठाकरे गुट के कैंडिडेट अमोल कीर्तिकर हैं।

संजय शिवसेना शिंदे गुट के संपर्क में हैं और मुंबई नार्थ वेस्ट सीट से चुनाव लड़ने के लिए डील कर रहे हैं। अगर यह डील लॉक होती है तो वे शिवसेना शिंदे गुट की ओर से प्रत्याशी होंगे। हालाँकि अभी इसमें भी पेंच है क्योंकि शिवसेना के पास पहले ही इस सीट के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट है।

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