द लोकतंत्र : दिल्ली चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल में गर्माहट बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर जाट समाज के लिए आरक्षण की मांग उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जाट समुदाय से किए वादे पूरे नहीं किए।
केजरीवाल ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सूची में शामिल करने की अपील की है। उन्होंने लिखा कि दिल्ली के जाट समाज को OBC दर्जा दिए बिना उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। राजस्थान के जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में आरक्षण मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट समुदाय को यह अधिकार नहीं दिया गया। यह भेदभाव क्यों?
BJP अपने वादे चुनाव के बाद भूल जाती है
AAP प्रमुख ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले जाट समाज से वादे करती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें भूल जाती है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के 2019 के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जाट समाज को केंद्र की OBC सूची में शामिल करने का वादा आज तक अधूरा है। केजरीवाल ने कहा, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने 2015 और 2019 में वादा किया था कि दिल्ली के जाटों को केंद्र की OBC सूची में शामिल किया जाएगा। लेकिन यह वादा केवल दिखावा बनकर रह गया।
केजरीवाल ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली की राज्य OBC सूची में शामिल कई जातियां अब भी केंद्र की सूची में जगह नहीं बना सकी हैं। उन्होंने इसे समुदाय के अधिकारों का हनन बताया। दिल्ली में OBC दर्जा प्राप्त पांच जातियां अब भी केंद्र की सूची से बाहर हैं। यह उन समुदायों के साथ भेदभाव है।
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जाट आरक्षण का मुद्दा दिल्ली चुनाव में बड़ा राजनीतिक विषय बन गया है। जहां आम आदमी पार्टी इसे समुदाय के हक की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए झूठे वादे करने का आरोप लगाया जा रहा है। जाट आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। चुनावी माहौल में यह मुद्दा कितनी गहराई तक जाएगा और क्या केंद्र सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा। केजरीवाल का पत्र और इस पर भाजपा की प्रतिक्रिया चुनावी राजनीति को और तीखा बना सकती है।