द लोकतंत्र : फेसबुक के संस्थापक और META के CEO मार्क जुकरबर्ग भारत को लेकर की गई टिप्पणी के चलते विवादों में घिर गए हैं। भारत की संसदीय समिति अब मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ समन जारी करने की तैयारी कर रही है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस पर सख्त रुख अपनाया है।
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मेरी कमेटी इस गलत जानकारी के लिए Meta को बुलाएगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश की छवि को धूमिल करने वाली गलत सूचना के लिए Meta को भारतीय संसद और देशवासियों से माफी मांगनी होगी।”
इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के बयान पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “भारत, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, 2024 के चुनावों में 640 मिलियन से अधिक मतदाताओं की भागीदारी के साथ एक ऐतिहासिक चुनाव प्रक्रिया का गवाह बना। ऐसे में जुकरबर्ग की ओर से भ्रामक जानकारी साझा करना न केवल निराशाजनक है, बल्कि सत्य और विश्वसनीयता बनाए रखने के मूल्यों के खिलाफ भी है।”
क्या कहा था मार्क जुकरबर्ग ने?
माना जा रहा है कि एक पॉडकास्ट में मार्क जुकरबर्ग ने दावा किया था कि 2024 के चुनावों में भारत समेत अधिकांश मौजूदा सरकारों को हार का सामना करना पड़ा। उनके इस बयान को भारत सरकार ने सख्ती से खारिज करते हुए गलत सूचना करार दिया है।
भारत सरकार ने जुकरबर्ग के बयान को झूठा और भ्रामक बताते हुए कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की छवि को खराब करने की कोशिश है। संसदीय समिति ने META को तलब करने का फैसला लिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस तरह की गलत जानकारी न फैलाई जाए।
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अब यह देखना होगा कि META और मार्क जुकरबर्ग इस विवादित बयान पर क्या सफाई देते हैं। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी लोकतांत्रिक देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली गलत सूचनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।