द लोकतंत्र : महाकुंभ 2025, जो धार्मिक आस्था और भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है, इन दिनों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया के विवादित बयानों की वजह से चर्चा में है। हर्षा द्वारा महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने और इसे व्यावसायीकरण व राजनीति से जोड़ने ने आयोजन समिति और श्रद्धालुओं के बीच बहस को और तेज कर दिया है।
विवाद की शुरुआत
हर्षा रिछारिया ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं, सुरक्षा, स्वच्छता और भीड़ नियंत्रण को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “महाकुंभ का बढ़ता व्यावसायीकरण और राजनीति का प्रभाव इस आयोजन की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है।”
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सोशल मीडिया पर बहस
महाकुंभ में हर्षा से जुड़ें इस विवाद में लोगों के दो गुट हो गये हैं। एक पक्ष हर्षा की बातों से सहमत है और उन्हें जागरूक नागरिक बता रहा है। उनका कहना है कि हर्षा ने उन मुद्दों पर बात की है, जो अक्सर बड़े आयोजनों में अनदेखी रह जाते हैं। उनका मानना है कि इस तरह की आलोचनाएं व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग हर्षा की बातों को राजनीति से जोड़ रहे हैं और उनकी बातों को पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं। कई यूजर्स ने हर्षा रिछारिया पर धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण करने और इसे एक “पब्लिसिटी स्टंट” बनाने का आरोप लगाया। आयोजन समिति ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने से पहले तथ्यों की जांच जरूरी है।
विवाद में नया मोड़
हाल ही में हर्षा रिछारिया ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए एक और बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “मेरे सवाल सुधारात्मक दृष्टिकोण से उठाए गए हैं। महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है, और मेरा मकसद व्यवस्थाओं में सुधार की बात करना है, न कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना।”
लेकिन आयोजन समिति ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। समिति के प्रवक्ता ने कहा, “महाकुंभ की व्यवस्थाएं पूरी तरह से सुव्यवस्थित हैं, और ऐसे बयान केवल भ्रम फैलाने का काम करते हैं।” साथ ही, यह भी खबर है कि आयोजन समिति हर्षा रिछारिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है, क्योंकि उनका बयान महाकुंभ की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
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हर्षा रिछारिया कौन हैं?
हर्षा रिछारिया एक प्रमुख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे अपने बेबाक बयानों और जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहने के लिए जानी जाती हैं। हर्षा अक्सर पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर अपनी राय साझा करती हैं। उनकी डिजिटल उपस्थिति लाखों फॉलोअर्स के साथ उन्हें एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाती है।
महाकुंभ 2025 का महत्व
महाकुंभ 2025 भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का सबसे बड़ा उत्सव है। यह आयोजन हर 12 साल में चार प्रमुख स्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—पर होता है। महाकुंभ को “सांस्कृतिक संगम” के रूप में देखा जाता है, जहां करोड़ों श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं, और इसे आध्यात्मिकता और मोक्ष प्राप्ति का सर्वोच्च अवसर मानते हैं।