द लोकतंत्र / हेल्थ डेस्क : शहद और दालचीनी ये दो सामान्य सी लगने वाली चीजें, भारतीय रसोई के साथ-साथ आयुर्वेद में भी बेहद खास स्थान रखती हैं। प्राचीन काल से ही इनका उपयोग न केवल स्वाद के लिए, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी होता आया है। आज जब इम्युनिटी और प्राकृतिक इलाज की अहमियत बढ़ रही है, तब यह जानना जरूरी है कि शहद और दालचीनी का संयोजन कितनी बीमारियों में लाभदायक साबित हो सकता है।
आयुर्वेद में शहद और दालचीनी का महत्व
आयुर्वेद केवल इलाज नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। इसमें प्राकृतिक औषधियों को प्रमुखता दी गई है। शहद और दालचीनी ऐसी ही दो औषधियां हैं, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है यह मिश्रण
शहद और दालचीनी दोनों में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। जब इन्हें एक साथ लिया जाए, तो यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मौसम बदलने पर बार-बार बीमार पड़ते हैं।
सर्दी-खांसी में मिलता है आराम
सर्दी, खांसी या बुखार होने पर एक चम्मच शहद में चुटकीभर दालचीनी मिलाकर दिन में दो बार लेने से राहत मिलती है। यह गले की खराश, बंद नाक और कमजोरी में भी असरदार है। यह मिश्रण हृदय को मजबूत बनाने, ब्लड शुगर नियंत्रित करने और वज़न घटाने में सहायक है। दालचीनी मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और शहद शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी है उल्लेख
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे ग्रंथों में शहद और दालचीनी के उपयोग को विशेष महत्व दिया गया है। इन्हें “प्राकृतिक अमृत” कहा गया है क्योंकि ये शरीर को कई रोगों से सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं।
कुछ सावधानियां
- शहद को कभी गर्म पानी में न मिलाएं।
- मधुमेह या अन्य रोग से पीड़ित व्यक्ति उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- मात्रा सीमित रखें – अधिक सेवन से हानि भी हो सकती है।
शहद और दालचीनी का यह सरल और सुलभ मिश्रण आपके दैनिक जीवन में एक छोटा लेकिन प्रभावशाली बदलाव ला सकता है। यह न केवल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि शरीर को भीतर से स्वस्थ भी बनाता है।कती है।