द लोकतंत्र: आजकल हार्ट अटैक को आमतौर पर केवल कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन D की कमी (Vitamin D Deficiency) भी दिल की सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है।
क्यों जरूरी है विटामिन D?
विटामिन D को अक्सर “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। रिसर्च बताती है कि जिन लोगों में विटामिन D का स्तर कम होता है, उनमें Heart Attack का खतरा दोगुना हो सकता है।
विटामिन D की कमी और दिल का रिश्ता
जब शरीर में यह विटामिन कम हो जाता है तो ब्लड प्रेशर असंतुलित होने लगता है और धमनियों में सूजन आ सकती है। धीरे-धीरे यह स्थिति कार्डियोवैस्कुलर डिजीज में बदल सकती है।
ब्लड क्लॉटिंग (खून का थक्का) का खतरा बढ़ता है।
हार्ट की पंपिंग क्षमता कमजोर होती है।
हार्ट की पंपिंग क्षमता कमजोर होती है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल असामान्य हो सकता है।
इन सभी कारणों से हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
विटामिन D की कमी के लक्षण
अगर आपके शरीर में विटामिन D की कमी है तो ये संकेत नजर आ सकते हैं:
लगातार थकान रहना
हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
बार-बार बीमार पड़ना
नींद न आना
मूड स्विंग या डिप्रेशन
ये लक्षण बताते हैं कि आपको Vitamin D Deficiency Symptoms को गंभीरता से लेना चाहिए।
कैसे पूरी करें विटामिन D की कमी?
सुबह की धूप में कम से कम 15–20 मिनट जरूर बैठें।
आहार में दूध, दही, अंडा, मशरूम और फैटी फिश शामिल करें।
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से Vitamin D Supplements लें।
समय-समय पर Vitamin D Level Test जरूर कराएं।
हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
दिल को स्वस्थ रखना केवल शुगर या ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने से संभव नहीं है। अगर आप हार्ट अटैक के खतरे को कम करना चाहते हैं तो Vitamin D की कमी को नजरअंदाज न करें। संतुलित आहार, धूप का सेवन और नियमित व्यायाम आपके दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।