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Yoga Day Special: अक्सर की जाने वाली 3 बड़ी गलतियां, जिनसे बचकर योग को बनाएं असरदार

योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का जरिया बनता है। रोजाना योग अभ्यास न केवल हमें फिट और सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी राहत दिला सकता है। लेकिन शुरुआती दौर में योग करते समय कुछ आम गलतियां हमारे अनुभव को कम असरदार बना सकती हैं। इस योग दिवस पर आइए जानते हैं तीन सबसे आम गलतियों के बारे में, जिन्हें सुधारकर हम अपने योग अभ्यास को और बेहतर बना सकते हैं।

सांस रोकना – योग में सबसे आम गलती
योग करते समय कुछ लोग मुद्रा पर ध्यान देने के चक्कर में अपनी सांस रोक लेते हैं, जो कि बहुत बड़ी गलती है। योग का मूल तत्व प्राणायाम है—यानी सांस का सही प्रवाह। जब आप सांस रोकते हैं तो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और तनाव बढ़ता है। यह योग के शांतिपूर्ण अनुभव को प्रभावित करता है। अगर आपको किसी आसन में सांस रोकनी पड़ रही है, तो इसका मतलब है कि आप उस आसन में ज्यादा जोर डाल रहे हैं। ऐसे में रुकें, सांस नियंत्रित करें और फिर दोबारा शुरू करें।

सहायक उपकरणों का प्रयोग न करना
कई लोग सोचते हैं कि योग में बेल्ट, ब्लॉक या कुशन का इस्तेमाल करना कमजोरी की निशानी है, जबकि सच्चाई यह है कि ये सहायक उपकरण शरीर को संतुलन देने और चोट से बचाव के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। हर किसी की शारीरिक बनावट और लचीलापन अलग होता है, ऐसे में इन सपोर्ट्स का उपयोग आसन को आरामदायक और सुरक्षित बनाता है।

खाली पेट योग न करना
सुबह योग करने के लिए पेट का खाली होना ज़रूरी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप कमजोरी महसूस करें। योग से 1–2 घंटे पहले हल्का और सुपाच्य भोजन जैसे फल या स्मूदी लेना उचित होता है। इससे शरीर को ऊर्जा भी मिलती है और योग करते समय चक्कर आने जैसी समस्या से भी बचा जा सकता है।

योग को प्रभावी और सुरक्षित बनाने के लिए ज़रूरी है कि हम इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। याद रखें, योग कोई प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अपने शरीर और मन को समझने का एक माध्यम है। इस योग दिवस पर संकल्प लें कि योग को सिर्फ आदत नहीं, जीवन का हिस्सा बनाएंगे।

नोट: यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई बातों को मेडिकल सलाह न समझें। कोई भी स्वास्थ्य निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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