Advertisement Carousel
National

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल का तंज, बोले- तानाशाही चरम पर है

Arvind Kejriwal's jibe at Sonam Wangchuk's arrest, says dictatorship is at its peak

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : लेह पुलिस ने शुक्रवार (26 सितंबर) को जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी पर देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तेज हो गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जैसे रावण, कंस, हिटलर और मुसोलिनी का अंत हुआ था, वैसे ही तानाशाही और अहंकार करने वालों का भी बुरा अंत तय है।

आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर

केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है। तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत हमेशा बुरा होता है। लोग आज भी रावण, हिटलर और मुसोलिनी से नफ़रत करते हैं। सत्ता के मद में चूर लोग यह भूल जाते हैं कि जनता सब देख रही है।

उन्होंने एक और पोस्ट में सोनम वांगचुक का समर्थन करते हुए कहा, सोनम वांगचुक, जो देश और शिक्षा के लिए सोचते हैं, नए-नए आविष्कार करते हैं, आज उन्हें केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। यह बेहद दुखद है कि देश की बागडोर ऐसे लोगों के हाथों में है। ऐसे हालात में देश तरक्की कैसे करेगा?

हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारी

अधिकारियों के अनुसार, अलग राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर बीते दिनों लद्दाख में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। यह आंदोलन हिंसक हो गया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। इसी पृष्ठभूमि में वांगचुक को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने वांगचुक को हिंसा भड़काने का जिम्मेदार ठहराया था। लद्दाख के डीजीपी एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उन्हें शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे हिरासत में लिया। वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मिलकर आंदोलन को उग्र मोड़ देने में अहम भूमिका निभाई।

वांगचुक ने आरोपों से किया इनकार

हालांकि, सोनम वांगचुक ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन हमेशा शांतिपूर्ण रहा है और वह हिंसा के सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने हाल ही में दो सप्ताह से जारी अपने अनशन को हिंसा की घटनाओं के बाद खत्म कर दिया था और अपील की थी कि आंदोलन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाया जाए।

गिरफ्तारी से बढ़ा राजनीतिक तनाव

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से लद्दाख ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे सरकार की तानाशाही और लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन बता रहे हैं। वहीं, सरकार और प्रशासन का कहना है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करना आवश्यक है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।

यह मामला अब केवल लद्दाख तक सीमित नहीं रहा, बल्कि देशभर में ‘तानाशाही बनाम लोकतंत्र’ की बहस को और तेज कर रहा है। सोनम वांगचुक जैसे शिक्षा और जलवायु कार्यकर्ता की गिरफ्तारी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं और आने वाले दिनों में इस मुद्दे के और राजनीतिक रंग लेने की संभावना है।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं