द लोकतंत्र : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सबसे बड़े महापर्व की शुरुआत आज (6 नवंबर 2025) पहले चरण की वोटिंग के साथ हो चुकी है। मतदान से ठीक पहले, मंगलवार (5 नवंबर 2025) की शाम छह बजे से ही चुनावी प्रचार पूरी तरह से बंद हो गया था। अब पूरे राज्य में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 लागू हो गई है, जिसके बाद अगले 48 घंटे तक कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी तरह का चुनावी प्रचार नहीं कर सकता। यह ‘शांति अवधि’ (Silent Period) मतदान के समाप्त होने तक लागू रहेगी।
धारा 126: प्रचार पर लगी पूर्ण रोक
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मतदाताओं को मतदान से पहले शांत माहौल में सोचने और निष्पक्ष निर्णय लेने का अवसर मिले। जब प्रचार रुक जाता है, तो जनता किसी भी तरह के दबाव या राजनीतिक प्रभाव से दूर होकर मतदान कर सकती है। यही वजह है कि इस कानून के तहत चुनाव से दो दिन पहले प्रचार गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है।
चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक, मौन अवधि में किन गतिविधियों पर रोक है:
जनसभा और रैली: किसी भी प्रकार की जनसभा, रैली, जुलूस या सड़क किनारे भाषण की अनुमति नहीं है।
ध्वनि विस्तारक: उम्मीदवार लाउडस्पीकर या ध्वनि विस्तारक उपकरण का उपयोग नहीं कर सकते।
मीडिया अपील: अखबार, टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी पार्टी या प्रत्याशी के पक्ष या विपक्ष में कोई अपील करना या प्रचार करना भी पूरी तरह से वर्जित है।
एग्जिट पोल पर प्रतिबंध: आयोग ने यह भी कहा है कि 6 नवंबर सुबह 7 बजे से 11 नवंबर शाम साढ़े 6 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल या सर्वे के परिणाम प्रसारित नहीं किए जाएंगे।
नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान
चुनाव आयोग ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन मौन अवधि में प्रचार करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सजा: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत उल्लंघन करने वाले को दो साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
चुनाव आयोग ने जनता से अपील की है कि वे निर्भय होकर और निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करें। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को भी याद दिलाया है कि वे कानून का पालन करें और शांति बनाए रखें।
पहले चरण की वोटिंग कहां-कहां
बिहार में पहले चरण के तहत 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इन जिलों में मध्य और पूर्वी बिहार के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं:
प्रमुख जिले: मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, भोजपुर, बक्सर, सीवान, सारण, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, नालंदा, मुंगेर, शेखपुरा, गोपालगंज और समस्तीपुर।
इन क्षेत्रों में आज कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हों।

