द लोकतंत्र: चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस गठबंधन को करारा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला ने बाजी मारते हुए 19 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार प्रेम लता को केवल 17 वोट मिले। क्रॉस वोटिंग के कारण बहुमत में होने के बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 36 मत पड़े, जिसमें बीजेपी के 16 पार्षद थे। ऐसे में क्रॉस वोटिंग के कारण आप-कांग्रेस के तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान कर दिया, जिससे चुनावी गणित पूरी तरह से बदल गया।
- चंडीगढ़ नगर निगम में सीटों का गणित:
- AAP – 13 पार्षद
- कांग्रेस – 6 पार्षद
- बीजेपी – 16 पार्षद
- सांसद मनीष तिवारी का एक वोट
- कुल वोट – 36
सैद्धांतिक रूप से AAP-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 वोट थे, जो जीतने के लिए आवश्यक 19 से एक अधिक थे। लेकिन गुप्त मतदान प्रणाली के कारण क्रॉस वोटिंग हुई और बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की।
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आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए कड़े इंतज़ाम किए थे। सभी पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराया गया था और पंजाब पुलिस की निगरानी में रखा गया था। इसके बावजूद तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाल दिया, जिससे पूरा समीकरण बिगड़ गया।
चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। उनकी निगरानी में ही चुनाव संपन्न हुआ।
पिछले साल भी हुआ था विवाद
2024 के चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भी भारी विवाद हुआ था। तब चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के 8 वोटों को रद्द कर दिया था, जिससे बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए AAP-कांग्रेस के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया था।
गुप्त मतदान प्रणाली के कारण आप-कांग्रेस के लिए यह पता लगाना मुश्किल होगा कि किन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की। इससे गठबंधन में मतभेद और अविश्वास बढ़ने की संभावना है।
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बीजेपी की जीत से यह साफ हो गया कि पार्षदों में पार्टी नेतृत्व को लेकर असंतोष है, जिसका फायदा बीजेपी ने उठाया। इस जीत से बीजेपी को चंडीगढ़ में नगर निगम प्रशासन पर पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग एक बार फिर निर्णायक साबित हुई।
बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला ने जीत हासिल कर आप-कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है। चुनावी नतीजे से साफ है कि गठबंधन की रणनीति कारगर नहीं रही और गुप्त मतदान के कारण असंतुष्ट पार्षदों ने बीजेपी का साथ दिया। आने वाले दिनों में इस हार का असर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर देखने को मिल सकता है।