द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : चक्रवात ‘मोंथा’ भले ही कमजोर पड़ चुका हो, लेकिन इसका असर अब भी कई राज्यों में दिख रहा है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बारिश और तेज हवाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, जबकि उत्तर भारत के राज्यों यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में खेतों और फसलों पर इसका बड़ा असर पड़ा है।
बुधवार को दक्षिण ओडिशा के कई जिलों में जोरदार बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं, जिससे सड़कें, बिजली आपूर्ति और यातायात प्रभावित हो गया। कई स्थानों पर भूस्खलन से सड़कों पर मलबा जमा हो गया, तो चंपावती नदी का जलस्तर बढ़ने से कुछ गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया।
कई ज़िलों में भारी नुक़सान की रिपोर्ट
ओडिशा के भुवनेश्वर, खुर्दा, कटक, पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में 30–40 kmph की रफ्तार से हवाएं और भारी वर्षा दर्ज की गई। मयूरभंज में 105 मिमी, बालासोर में 93.5 मिमी और खुर्दा में 90 मिमी बारिश हुई। कई जिलों में पेड़ उखड़ने, मकानों को नुकसान और बिजली लाइनें टूटने की घटनाएं रिपोर्ट हुईं।
रेल संचालन पर भी असर पड़ा और ओडिशा, आंध्र, बंगाल और झारखंड के बीच चलने वाली 61 ट्रेनें रद्द कर दी गईं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में गंजाम, रायगढ़ा, कोरापुट, कालाहांडी व अन्य जिलों में भारी बारिश की आशंका है। मुख्यमंत्री मोहन चरण मजही ने कहा कि बड़े नुकसान की आशंका नहीं है, लेकिन राहत दल पूरी तरह सतर्क हैं।
आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के पास लैंडफॉल के बाद 70 kmph तक की हवाएं चलीं, जिससे कई घरों और झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा। प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया है और बचाव टीमें तैनात हैं। झारखंड के रांची, गुमला, लोहरदगा और हजारीबाग जिलों में बारिश जारी है।
खेती-किसानी पर बड़ा प्रहार
मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश ने किसानों को सबसे बड़ा झटका दिया है। आगर मालवा से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र तक खेतों में खड़ी धान, मक्का, सोयाबीन, कपास और मटर की फसल का 50–60% नुकसान हुआ है। कई जगह खेतों में पानी भर गया और कटाई के बाद रखी फसल भी भीगकर खराब हो गई। खंडवा, रतलाम और बुरहानपुर जिलों में स्थिति ज्यादा गंभीर बताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के जिलों में धान की फसल को नुकसान हुआ है और आलू बेल्ट में बोआई में देरी की आशंका है। बिहार में पटना, गया, सिवान, बक्सर सहित कई जिलों में बारिश हुई। गया के डोभी में 72 मिमी वर्षा दर्ज की गई। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बारिश से रबी फसलों को फायदा मिल सकता है, लेकिन तेज आंधी की स्थिति में धान और अन्य फसलों को नुकसान बढ़ेगा।
आईएमडी के अनुसार ‘मोंथा’ जल्द गहरे दबाव में तब्दील होगा, लेकिन इसका प्रभाव अगले 48 घंटों तक कई राज्यों में जारी रहेगा। किसानों को सतर्क रहने और फसल बचाने की सलाह दी गई है।

