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भजनलाल सरकार का अहम फैसला, गहलोत सरकार के नवगठित नौ जिले और तीन संभाग खत्म

Important decision of Bhajan Lal government, Gehlot government's newly formed nine districts and three divisions abolished

द लोकतंत्र : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए नौ नए जिलों और तीन संभागों को खत्म कर दिया। इस निर्णय के बाद राज्य में जिलों की संख्या 50 से घटकर 41 रह गई है। भजनलाल कैबिनेट ने इसे वित्तीय संसाधनों के उचित उपयोग और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम बताया है।

भजनलाल सरकार का कहना है कि इसमें वित्तीय संसाधनों और जनसंख्या जैसे प्रमुख कारकों की अनदेखी की गई। कई जिलों में 6-7 तहसीलें भी शामिल नहीं थीं, जिससे उनकी आवश्यकता पर सवाल उठ रहे हैं। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए कोई नया प्रशासनिक पद या कार्यालय भवन नहीं बनाया गया और प्रत्येक जिले में 18 विभागीय पद स्थापित करने के प्रयास राज्य के लिए बोझिल साबित हुए।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों और संभागों में कई व्यवहारिक समस्याएं थीं। इनमें पर्याप्त तहसीलों की कमी, नए पदों का सृजन न हो पाना और कार्यालयों की अनुपलब्धता प्रमुख कारण थे। मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 1956 में राजस्थान के बनने के बाद लंबे समय तक प्रदेश में 26 जिले थे। फिर बाद में सात जिले और बनाए गए। वहीं कांग्रेस की पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी समय में 17 नए जिले और तीन संभाग बना दिए। गहलोत सरकार का ये फैसला जनसंख्या के आधार पर भी सही था।

कौन से जिले और संभाग हुए खत्म?

  • समाप्त जिले: दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर।
  • समाप्त संभाग: सीकर, पाली और बांसवाड़ा।

इसके अलावा, यह घोषणा की गई कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए लाभार्थियों को शामिल करने के लिए तीन महीने का अभियान चलाया जाएगा। मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कहा कि राज्य में पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन भी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने की।

Team The Loktantra

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