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PM Kisan Yojana: जानिए किन 3 जरूरी कामों के बाद मिलेगी PM किसान योजना की 20वीं किस्त

PM Kisan Yojana

द लोकतंत्र: भारत की एक बड़ी आबादी आज भी खेती-किसानी से जुड़ी हुई है। किसानों की आर्थिक मदद और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना, जिसे 2018 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।

यह रकम 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। अब तक सरकार 19 किस्तें भेज चुकी है और किसान 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह किस्त केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने योजना की कुछ अहम शर्तें पूरी कर ली हैं। आइए जानते हैं वो तीन जरूरी काम कौन-से हैं:

ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य

पीएम किसान योजना का लाभ पाने के लिए ई-केवाईसी सबसे जरूरी शर्त है। जिन किसानों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनके खाते में अगली किस्त नहीं आएगी। यह प्रक्रिया आप नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in के जरिए पूरी कर सकते हैं। किसान ऐप से भी यह प्रक्रिया मोबाइल से की जा सकती है।

भू-सत्यापन (Land Verification) जरूरी

केवल ई-केवाईसी से काम नहीं चलेगा। आपकी जमीन का सत्यापन भी आवश्यक है। इससे साबित होता है कि आप कितनी खेती योग्य जमीन के मालिक हैं। कई राज्यों में भू-अभिलेखों को डिजिटली वेरीफाई किया जा रहा है। जिन किसानों ने भू-सत्यापन नहीं कराया है, उनकी अगली किस्त अटक सकती है।

आधार-बैंक लिंकिंग

कई किसान इस जरूरी काम को नजरअंदाज कर देते हैं कि उनका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक नहीं होता। अगर ऐसा है, तो रकम ट्रांसफर नहीं होगी। इसलिए नजदीकी बैंक शाखा जाकर जल्द से जल्द आधार लिंकिंग करवाना जरूरी है।

अगर आप पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं और चाहते हैं कि आपकी 20वीं किस्त समय पर आपके खाते में पहुंचे, तो इन तीनों कार्यों ई-केवाईसी, भू-सत्यापन और आधार-बैंक लिंकिंग को जल्द से जल्द पूरा कर लें। सरकारी पोर्टल पर जाकर स्थिति की जांच भी की जा सकती है।

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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