द लोकतंत्र : अभी कल ही जमुई में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज का भारत दुश्मनों को घर में घुसकर मारता है। अब से पहले उनके कथन का अर्थ सर्जिकल स्ट्राइक से जोड़कर देखा जाता था लेकिन ब्रिटिश अख़बार गार्जियन ने दावा किया है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों की अनजान हमलावरों द्वारा की जाने वाली हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (RAW) का हाथ है।
तो क्या वाक़ई में RAW भारत के दुश्मनों को ‘Secretly’ निपटा रही
भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी RAW को लेकर बॉलीवुड में बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। यह फ़िल्में रोमांच पैदा करती हैं लेकिन हक़ीक़त से इनका कितना वास्ता होता है यह हम नहीं जानते। लेकिन ब्रिटिश अख़बार के दावों को माने तो भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुपर विजन में अपने दुश्मनों को उनके ही घर में घुसकर चुन चुन कर निपटा रहा है।
ब्रिटिश अख़बार द गार्जियन की रिपोर्ट में ज़ाहिद अखुंद की हत्या का उल्लेख किया गया है, जिसे ज़हूर मिस्त्री के नाम से जाना जाता था। ज़हूर दिसंबर 1999 में IC-814 हाइजैकिंग के पांच अपहरणकर्ताओं में से एक था। ज़हूर की हत्या 01 मार्च 2022 को पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले कराची शहर में अज्ञात हमलावर द्वारा की गई थी। गार्जियन के अनुसार, पाकिस्तान के दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि इस हत्या के पीछे भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ का हाथ है।
PMO को रिपोर्ट करती है RAW
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ (RAW) भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी सीधे तौर पर देश के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। ब्रिटिश अख़बार का दावा है कि पड़ोसी मुल्क में हत्या का ऑर्डर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस से आ रहा है। भारत और पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के हवाले से लिखी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में हत्याओं का सिलसिला बढ़ गया है। अज्ञात हमलावरों ने 2020 से अब तक 20 लोगों को मौत के घाट उतारा है।
विदेश मंत्रालय ने दावों को ख़ारिज किया
हालाँकि, विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश अख़बार में छपे दावों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान में हत्याएं कराने के ब्रिटिश अख़बार के दावों का दृढ़ता से खंडन किया है और इसे ‘झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार’ करार दिया है। ब्रिटिश मीडिया के दावों को भारत सरकार ने खारिज किया है। सरकार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भारत कभी लक्षित हत्याएँ नहीं कराता।