द लोकतंत्र: भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह की शुरुआत से ही कमजोर नजर आ रही है। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 450 अंक से ज्यादा लुढ़क गया, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 148 अंक टूटकर 25,001.95 के स्तर पर पहुंच गया। लगातार तीसरे कारोबारी दिन आई यह गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
IT सेक्टर में भारी गिरावट
शेयर बाजार की इस गिरावट में सबसे बड़ा योगदान आईटी शेयरों का रहा। टेक महिंद्रा में 2.50%, इंफोसिस में 2.10% और TCS में 1.70% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, HCL टेक्नोलॉजीज के शेयर भी 1.50% तक फिसल गए।
अन्य सेक्टर्स भी रेड जोन में
आईटी के अलावा लार्जकैप कैटेगरी में एशियन पेंट्स (1.90%), बजाज फाइनेंस (1.50%), एलएंडटी (1.45%) और टाटा मोटर्स (1.20%) के शेयरों में भी गिरावट रही। मिडकैप में AU बैंक (2.29%), IDFC फर्स्ट बैंक (2.05%) और स्मॉलकैप में GEPIL (7.28%), होंडा पावर (4.99%) कमजोर हुए।
गिरावट की वजहें
इस गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण हैं:
अमेरिका द्वारा नए टैरिफ की घोषणा, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर अब तक स्पष्टता नहीं मिल पाई है।
कंपनियों के Q1 रिजल्ट्स से जुड़ी निवेशकों की सतर्कता।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस गिरावट में घबराने की बजाय लॉन्ग टर्म पर नजर रखनी चाहिए। IT और बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में गिरावट को मौका भी माना जा सकता है, लेकिन किसी भी निर्णय से पहले निवेश सलाह जरूर लें।