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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, CJI बोले – ऐसी हरकत के लिए तो उस पर मुकदमा चलना चाहिए

Supreme Court reprimanded on rigging in Chandigarh Mayor election, CJI said - He should be prosecuted for such actions

द लोकतंत्र : चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली का वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश ने देखा था। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो वायरल हुए थे उसमें पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिखते हैं जिसकी वजह से यह पूरा विवाद उपजा। संख्याबल कम होने के बावजूद भाजपा का प्रत्याशी जीत गया क्योंकि आम आदमी पार्टी के आठ वोट अमान्य करार दे दिये गये थे।

सुप्रीम कोर्ट की सख़्त टिप्पणी – कहा यह लोकतंत्र की हत्या है

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में निर्वाचन अधिकारी की तरफ से की गई धांधली के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर सोमवार (5 फरवरी) को सुनवाई हुई। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। मेयर चुनाव का वीडियो देखने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अधिकारी मतपत्र को कैसे खराब कर सकता है? ऐसी हरकत के लिए तो उस पर मुकदमा चलना चाहिए।

कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या इसी तरह से चुनाव का आयोजन होता है? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह जनतंत्र की हत्या है। पूरे मामले से हम हैरान हैं। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है?

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 30 जनवरी को हाईकोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुआ था। इसमें भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने चार मतों से जीत दर्ज की थी। भाजपा के पास कुल 14 पार्षद थे। वहीं एक मत सांसद किरण खेर का था। भाजपा प्रत्याशी को कुल 16 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस-आप प्रत्याशी को 12 मत मिले थे। जबकि गठबंधन के पास कुल 20 मत थे और टेक्निकली विपक्ष का जीतना निश्चित था। लेकिन चुनाव के दौरान आठ मतों को अमान्य करार दिया गया था। इस वजह से मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।आरोप है कि रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर मतपत्रों पर निशान बनाये और इसे अमान्य कर दिया।

यह भी पढ़ें : चुनाव प्रचार और रैलियों में बच्चों का न हो इस्तेमाल, इलेक्शन कमीशन ने गाइडलाइन जारी की

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़रूरत लगी तो नए सिरे से चुनाव करवाए जाएंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर और मतदान का वीडियो हाई कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया। इस मामले पर अगले हफ्ते फिर सुनवाई होगी।

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Team The Loktantra

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