द लोकतंत्र: हरि अनंत हरि कथा अनंता। कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
श्रीराम अनंत है उनकी कथाएं अनंत है और उन्हें जानने समझने समझाने के जरिए भी अनंत ही है। ऐसा ही एक बेहद महत्वपूर्ण जरिया है उनकी नगरी अयोध्या में उनका भव्यतम मंदिर। 05 अगस्त की वो शुभ तारीख जब उनके इस मंदिर स्थापना की भूमि का पूजन किया गया था। आज लगभग ढाई साल बाद वो दिन बेहद करीब है जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने को है।
अयोध्या में मंदिर स्थापना को मंजूरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दी थी
बता दें, कि उच्च न्यायालय ने 2019 के फैसले में अयोध्या जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मन्दिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त कर दिया था। साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार को नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ की जमीन आवंटित करने का निर्देश भी दिया था।
मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होने की संभावना
राम मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मन्दिर के तीन मंजिला भूतल का निमार्ण दिसंबर के आखिरी तक पूरा हो जाएगा और प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को संभावित है। मन्दिर के आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने कहा कि 15 से 24 जनवरी अनुष्ठान होगा। राम मन्दिर ट्रस्ट की ओर से पीएमओ को पत्र लिखा गया है जिस पर आए जवाब के मुताबिक 22 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आएंगे।
भूमि की खुदाई में मिले थे हजारों देवी देवताओं के अवशेष
राम मन्दिर निर्माण शुरू करते समय करीब 40 से 50 फिट की खुदाई की गई थी जिससे दर्जन भर से ज्यादा मूर्तियों, स्तंभों, शिलाएं के अवशेष मिले है। बता दें कि तीन मंजिल के राम मन्दिर की चौड़ाई 272-280 ऊंचाई 128 फीट, पांच गुंमद और कुल 318 स्तंभ जिसमें हर तल पे 106 स्तंभ होंगे।
भव्य, दिव्य और अद्भुत होगा ‘राम मन्दिर’
मंदिर के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने ये भी बताया कि मंदिर के शिखर पर एक ऐसे उपकरण को स्थापित किया जाएगा जिससे हर साल राम नवमी के दिन गर्भगृह में देवता के माथे पर सूर्य देव की किरणें कुछ देर के लिए पड़ेंगी। इसे बेंगलुरू में बनाया जा रहा है जिसकी देखरेख केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और पुणे का संस्थान संयुक्त रूप से कंप्यूटरकृत कार्यक्रम द्वारा किया जा रहा है।
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100 करोड़ की लागत का कमल फाउंटेन
राम मन्दिर में करीब 100 करोड़ की लागत से कमल के शक्ल का फाउंटेन बनाया जा रहा है जिसका पानी 50 मीटर तक ऊपर जाएगा। हालांकि मंदिर के उद्घाटन तक ये फाउंटेन तैयार नहीं हो पाएगा। अयोध्या प्रशासन की उम्मीद के मुताबिक इसे तैयार होने में 1से 1.5 साल लग जाएंगे।
ग्लोबल हुआ रामलला का दानपात्र
तीर्थ के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अयोध्या के राम मन्दिर को विदेशी स्रोतों से विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम 2010 के तहत स्वैच्छिक योगदान पाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एफसीआरए विभाग ने मान्यता प्रदान कर दी है। उन्होंने आगे बताया कि ये स्वैच्छिक योगदान केवल भारतीय स्टेट बैंक की 11, संसद मार्ग, नई दिल्ली दिल्ली -110001 , स्थित मुख्य शाखा वाले खाते में ही स्वीकार होगा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ- साथ अध्यात्मिक तथा वास्तविक छवि निर्मित करने के भी तैयारी अपने चरम पे हैं।