National

मायावती ने कौन सी मजबूरी के तहत आकाश आनंद से छीन लिया बसपा का पद और क़द

Under what compulsion did Mayawati snatch the post and stature of BSP from Akash Anand?

द लोकतंत्र : बहुजन समाज पार्टी आकाश आनंद के नेतृत्व में रिफ़्रेम हो रही थी। ऐसा लग रहा है कि बसपा इस लोकसभा चुनाव में बाज़ीगर बनकर उभरेगी। आकाश आनंद जिस तरह अपने वाक् कौशल और सक्रियता से बसपा में जान भर रहे थे वह सियासत में दिलचस्पी रखने वालों के लिए चमत्कृत करने वाला था। लेकिन, कल ऐसा क्या हुआ कि मायावती ने अपने भतीजे को न सिर्फ़ अपने उत्तराधिकार से बेदख़ल कर दिया बल्कि उनसे उनका नेशनल को-ऑर्डिनेटर का पद भी वापस ले लिया।

आख़िर किस ‘परिपक्वता’ की उम्मीद मायावती कर रही थीं?

लोकसभा चुनाव के अन्तर्गत आकाश आनंद बसपा के चुनावी जनसभाओं में विपक्षी दलों विशेषकर बीजेपी को लक्ष्य करके अपने भाषण दे रहे थे। उनकी कुछ एक स्पीच वायरल भी हुई थी और लोगों ने आकाश की ‘मैच्योरिटी’ और मुद्दों पर ज़बरदस्त पकड़ को लेकर उन्हें सराहा था। कई सियासी पंडितों ने आकाश आनंद की कार्यशैली देखकर यह भविष्यवाणी की थी कि बसपा इस लोकसभा चुनाव में तुरुप का इक्का साबित होगी। आकाश में बसपा का भविष्य नज़र आ रहा था।

लेकिन सबकुछ बढ़िया चलने के बाद ऐसी क्या परिस्थितियाँ बनी कि आकाश आनंद की रैलियों को न सिर्फ़ स्थगित किया गया बल्कि कल देर शाम उन्हें बसपा के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया। मायावती द्वारा लिये गये फ़ैसले में इस बात का ज़िक्र है कि आकाश आनंद को ‘परिपक्वता आने तक’ पार्टी की ज़िम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है। यह बातें हैरान करती हैं।

मायावती ने अपने एक्स पोस्ट में क्या लिखा है?

मायावती ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा है, विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए कांशीराम व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने आगे लिखा, इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। जबकि इनके पिता आनंद कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगें। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।

कहीं मायावती के एक्शन के पीछे आकाश का तेवर और उनके भाषण तो वजह नहीं

दरअसल, बीते दिनों बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने सीतापुर में इलाहाबाद फील्ड पर पांच लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के समर्थन में सभा को संबोधित किया था। इस सभा को संबोधित करते हुए आकाश ने विवादित बयान दिया था कि जब भाजपा की लोग वोट मांगने आए तो उनके लिए जूता, चप्पल और लाठी तैयार रखो यही नहीं आकाश ने बीजेपी सरकार को आतंकवादी सरकार तक कह डाला। इस भाषण के लिए आकाश पर एफ़आईआर भी दर्ज हुई थी। इस जनसभा के बाद से ही आकाश की रैलियों को निरस्त किया गया था। ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि आकाश आनंद का यह भाषण ही उनके सियासी करियर पर ब्रेक लगा गया।

आकाश आनंद को हटाया जाना कौन सा त्याग?

मायावती के एक्स पोस्ट में लिखा है – बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है। सवाल उठता है कि जब आकाश आनंद पार्टी को गति दे रहे थे, और एक मर रही पार्टी जिसका जनाधार तेज़ी से गिर रहा था उसमें जान फूंकने की कोशिश कर रहे थे तो इससे बसपा का मूवमेंट और बाबा साहब के मूल्यों से कहाँ और किस स्तर पर समझौता हो रहा था?

सवाल यह भी उठता है कि क्या मायावती द्वारा लिया गया यह फ़ैसला किसी दबाव में हुआ है? क्या कोई पॉलिटिकल डील है जिसकी वजह से मायावती मजबूर हैं? बता दें, आकाश आनंद को केंद्र ने Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा भी मुहैया करायी थी। कहीं आनंद का बीजेपी के ख़िलाफ़ मुखर होकर हमलावर होना तो मायावती के द्वारा लिये फ़ैसले की वजह तो नहीं है? सवाल बहुत है लेकिन जवाब सिर्फ़ बसपा सुप्रीमो के पास है कि क्यों और किन परिस्थितियों में आकाश आनंद को पद मुक्त किया गया।

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं