द लोकतंत्र: हैदराबाद स्थित वियोना फिनटेक (Viyona Fintech) को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (TPAP) के रूप में काम करने की मंजूरी मिल गई है। इस कदम के साथ वियोना तेजी से बढ़ते यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इकोसिस्टम में शामिल हो गया है और अब ग्रामीण भारत में डिजिटल पेमेंट को नई दिशा देने के लिए तैयार है।
ग्रामीण भारत पर फोकस
कंपनी के अनुसार, यह मंजूरी उसकी योजनाओं को गति देगी जिसके तहत वह भारत के टियर-II, टियर-III शहरों और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भुगतान को सरल और सुरक्षित बनाने पर काम कर रही है। वियोना फिनटेक के प्रमुख एप्लिकेशन GraamPay और ViyonaPay हैं, जिनका उद्देश्य किसानों, छोटे व्यापारियों और स्थानीय समुदायों को डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान करना है।
किसानों और दुकानदारों के लिए फायदेमंद
वियोना फिनटेक के संस्थापक रवींद्रनाथ यार्लागड्डा ने कहा, “एनपीसीआई की यह मंजूरी हमारे फिनटेक एप्लीकेशंस पर विश्वास को दर्शाती है। इससे किसानों, दुकानदारों और परिवारों के लिए यूपीआई भुगतान और अधिक सुलभ हो सकेगा।”
उन्होंने बताया कि कंपनी न केवल शहरी बल्कि वंचित समुदायों के लिए भी सुरक्षित और सरल वित्तीय समाधान तैयार कर रही है।
किसान बाजार की शुरुआत
वियोना अपने विज़न के हिस्से के रूप में GraamPay Farmer’s Market भी शुरू कर रहा है। इसके जरिए किसान सीधे खरीदारों से जुड़ सकेंगे और उन्हें मिलेगा –
उचित मूल्य निर्धारण
तेजी से भुगतान निपटान
UPI इकोसिस्टम तक बेहतर पहुंच
इससे किसानों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनकी आय में पारदर्शिता आएगी।
GraamPay: ग्रामीण भारत का डिजिटल प्लेटफार्म
वियोना का फ्लैगशिप प्लेटफॉर्म GraamPay विशेष रूप से ग्रामीण भारत की डिजिटल जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह किसानों, छोटे व्यापारियों और स्थानीय समुदायों को –
डिजिटल कलेक्शन
पेमेंट
और यूपीआई ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है।
इसके साथ ही, GraamPay ग्रामीण स्तर पर उद्यमियों (VLEs) का नेटवर्क तैयार करता है जो न केवल ग्रामीण ई-कॉमर्स को बढ़ावा देता है बल्कि वित्तीय साक्षरता (financial literacy) को भी मजबूत करता है।
वियोना फिनटेक का TPAP के रूप में अनुमोदन भारतीय फिनटेक सेक्टर में एक अहम कदम है। कंपनी के डिजिटल समाधान खासकर ग्रामीण भारत के लिए वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकते हैं। किसानों, दुकानदारों और छोटे उद्यमियों के लिए यह पहल न केवल भुगतान प्रणाली को आसान बनाएगी, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी करेगी।