द लोकतंत्र/नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व किया। लाखों लोगों की उपस्थिति में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक बार फिर योग को ‘मानवता के लिए भारत का उपहार’ बताते हुए पूरी दुनिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘योग सभी का है, और योग सभी के लिए है।’ यह संदेश अब पूरे विश्व ने स्वीकार कर लिया है।
पीएम मोदी बोले – योग ने सचमुच पूरी दुनिया को जोड़ दिया है
पीएम मोदी ने योग की सार्वभौमिकता और इसकी वैश्विक स्वीकार्यता को रेखांकित करते हुए कहा, योग का मतलब ही होता है जुड़ना, और आज यह देखकर अत्यंत सुखद है कि योग ने सचमुच पूरी दुनिया को जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आज 21 जून को 11वीं बार पूरी दुनिया एक साथ योग कर रही है, जो दर्शाता है कि योग अब जीवनशैली का हिस्सा बन गया है।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण भी मंच पर प्रधानमंत्री के साथ उपस्थित रहे। इस वर्ष योग दिवस की थीम थी ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’। यह आयोजन देशभर के 1 लाख से अधिक स्थानों पर फैले ‘योग संगम’ का हिस्सा था, जिसमें लगभग 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही।
योग, मानवता के कल्याण के लिए सामूहिक संकल्प है
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने की ऐतिहासिक यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा था, तब दुनिया के 175 देश साथ खड़े हुए थे। यह सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन नहीं था, बल्कि यह मानवता के कल्याण के लिए सामूहिक संकल्प था।
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उन्होंने यह भी कहा कि योग आज सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर एवरेस्ट की चोटियों और समुद्र के किनारों तक हर जगह अपनाया जा रहा है। हर जगह से यही संदेश आता है- योग सभी का है, और सभी के लिए है। पीएम मोदी ने योग को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का बल्कि मानसिक शांति और वैश्विक समरसता का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि योग ने ना सिर्फ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः जीवित किया है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित स्थान भी दिलाया है।