द लोकतंत्र/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर मचा सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के ऐलान के बाद अब विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मुख्यमंत्री से इस फैसले के पीछे के “सबूत” मांगे हैं।
सीएम योगी ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर देश में आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी गतिविधियों के लिए फंडिंग की जा रही थी। उन्होंने दावा किया कि केवल गैर-खाद्य वस्तुओं से ही करीब 25 हजार करोड़ रुपये की कमाई हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए की गई। सीएम योगी ने लोगों से अपील की कि सामान खरीदते समय हलाल सर्टिफिकेट ज़रूर देखें और जीएसटी चुकाएं, क्योंकि हलाल के नाम पर एक बड़ी साजिश चल रही है।
साबुन और दियासिलाई पर भी हलाल सर्टिफिकेट क्यों? – सीएम योगी का सवाल
मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया कि आख़िर साबुन, कपड़ों और यहां तक कि दियासिलाई पर भी हलाल सर्टिफिकेट क्यों लगाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि सरकार ने यूपी में इसे पूरी तरह बैन कर दिया है और अब कोई भी संस्था या कंपनी इस सर्टिफिकेट का उपयोग करके उत्पाद नहीं बेच पाएगी।
योगी ने अपने भाषण में बलरामपुर जिले के जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर का जिक्र करते हुए कहा कि लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियाँ ‘छद्म नामों’ से समाज में घुसपैठ कर रही हैं। उन्होंने रामायण के पात्रों- कालनेमि, ताड़का और शूर्पणखा का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘आज भी ऐसे रूप बदलकर हिंदू परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है।’
‘राजनीतिक इस्लाम’ को बताया सनातन का शत्रु
सीएम योगी ने कहा कि “राजनीतिक इस्लाम” सनातन की आस्था का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश उपनिवेशवाद और फ्रांसीसी आक्रमण के साथ-साथ राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी संघर्ष किया था। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और गुरु गोविंद सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि राजनीतिक इस्लाम उसी मानसिकता का विस्तार है, जो देश की डेमोग्राफी बदलने और राष्ट्र माता के टुकड़े करने की साजिश रचता है।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मांगे सबूत, बोले– यह फैसला असंवैधानिक
इस फैसले पर समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिना किसी ठोस प्रमाण के बयान देकर समाज में “भ्रम और विभाजन” फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर हलाल सर्टिफिकेशन वाकई आतंकवाद से जुड़ा है तो सबूत सार्वजनिक करें। अन्यथा यह व्यापारिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।”
बर्क ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर योगी सरकार हलाल प्रमाणन के खिलाफ है तो निर्यात (एक्सपोर्ट) पर भी रोक लगाए, क्योंकि हलाल सर्टिफिकेशन सिर्फ धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि ‘वैश्विक व्यापार की मांग’ का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगाने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और छवि दोनों को नुकसान होगा।

