द लोकतंत्र : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक’ पर लोकसभा में विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को गृहमंत्री का बयान बिलकुल भी रास नहीं आया। दरअसल, अरविन्द केजरीवाल लगातार इस विधेयक का विरोध कर रहे थे। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के साथ भी वो इसी शर्त से जुड़े थे कि सभी विपक्षी दल इस विधेयक का सदन में विरोध करें।
अमित शाह के पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है
शाह के बयान पर दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा में गृह मंत्री को दिल्ली के लोगों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना। बिल का समर्थन करने के लिये उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है।
केजरीवाल ने आगे कहा, गृह मंत्री बस इधर उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे। वो भी जानते हैं वो ग़लत कर रहे हैं। ये बिल दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम बनाने वाला बिल है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है। INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा।
बता दें, गृह मंत्री शाह ने ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023’ को चर्चा और पास कराने के लिए निचले सदन पर रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 (ए) (ए) में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 239 (ए) (ए) के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
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विपक्षी गठबंधन के सांसदों के सदन से वॉकआउट के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित हो गया। वहीं, विधेयक के विरोध में आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के बाद आम आदमी पार्टी के लोकसभा में एकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।