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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं, कहा – मैं प्रचार अभियान में शामिल रहूंगी

Finance Minister Nirmala Sitharaman does not have money to contest elections, said - I will be involved in the campaign

द लोकतंत्र : एक मीडिया समिट के दौरान कर्नाटक से राज्यसभा सांसद एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जरूरी धन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था लेकिन मैंने प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि मेरे पास चुनब लड़ने के लिए ज़रूरी धन नहीं है।

क्या कहा वित्तमंत्री ने?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने समिट के दौरान कहा कि, चुनाव में जिस तरीके से पैसे खर्च किए जाते हैं, उस हिसाब से मेरे पास पैसा नहीं है। मुझे इस बात को लेकर भी दिक्कत है कि चुनाव में समुदाय व धर्म जैसी चीजों को जीत तय करने का आधार बनाया जाता है। इसलिए मैंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और मेरे लिए यह खुशी की बात है कि पार्टी अध्यक्ष भी मेरे विचार से सहमत हो गए।

उन्होंने आगे कहा, मुझे यह भी समस्या है कि आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु में जीतने लायक विभिन्न मानदंडों का भी सवाल है। आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं।

इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर कही यह बात

इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर उन्होंने कहा कि, सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी बांड भुनाए हैं। इस मुद्दे पर किसी को कुछ कहने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि यह कानूनी था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए और बहस करने की जरूरत है, ताकि चुनावी फंडिंग को लेकर कोई बेहतर व्यवस्था बनाई जा सके। वित्त मंत्री ने कहा, इस कानून को संसद ने पारित किया था। चुनावी बांड उस समय के कानून के अनुसार खरीदे गए थे।

प्रचार अभियान में शामिल होंगी वित्तमंत्री

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह विभिन्न उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। साथ ही, मैं कई मीडिया कार्यक्रमों में भी भाग लूंगी। मैं प्रचार अभियान में शामिल रहूंगी।

केंद्र सरकार की योजनाओं के विषय में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर, निवेश, इनोवेशन और समावेशी विकास के चार कारकों से ही देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। सरकार इसे ध्यान में रखकर ही काम कर रही है। वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 2024-25 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च में 433 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इन्फ्रा पर खर्च करके सरकार निजी निवेश लाने में सफल हुई है।

Team The Loktantra

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