द लोकतंत्र/ पटना : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर अब राजनीति की दुनिया में कदम रख चुकी हैं। मंगलवार को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें विधिवत सदस्यता दिलाई। पिछले कई दिनों से मैथिली ठाकुर के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा थी, जिसे अब आधिकारिक रूप मिल गया है।
सूत्रों के मुताबिक, संभावना जताई जा रही है कि वह दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। खुद मैथिली ठाकुर ने भी हाल ही में कहा था कि यदि पार्टी उन्हें अवसर देती है, तो वह राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं।
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ। फिलहाल उनकी उम्र 25 वर्ष है। उनका परिवार लंबे समय तक दिल्ली के नजफगढ़ में रहा, जहां उनके पिता रमेश ठाकुर संगीत सिखाने का कार्य करते हैं। उनकी मां पूजा ठाकुर गृहिणी हैं। मैथिली के दो भाई ऋषभ और अयाची ठाकुर भी संगीत से जुड़े हैं और अक्सर उनके साथ परफॉर्म करते नजर आते हैं।
संघर्षों से सफलता तक का सफर
आर्थिक तंगी के बावजूद मैथिली ठाकुर का परिवार संगीत के प्रति समर्पित रहा। मैथिली ने पांचवीं कक्षा तक घर पर ही पढ़ाई की, क्योंकि संगीत अभ्यास के लिए उन्हें अधिक समय चाहिए था। बाद में उन्हें एमसीडी स्कूल और फिर स्कॉलरशिप पर बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला मिला। बचपन से ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत और मैथिली लोक संगीत की शिक्षा अपने पिता और दादा से प्राप्त की। कई वर्षों की कठोर साधना ने उन्हें देश की प्रमुख लोक गायिकाओं में शामिल कर दिया।
सोशल मीडिया से मिली नई पहचान
मैथिली ठाकुर को असली पहचान तब मिली जब उन्होंने रियलिटी शो ‘राइजिंग स्टार’ में हिस्सा लिया। हालांकि वह खिताब नहीं जीत सकीं, लेकिन उनकी आवाज़ देशभर में गूंज उठी। इसके बाद उन्होंने यूट्यूब और फेसबुक पर अपने गीतों के वीडियो पोस्ट करने शुरू किए। उनकी मधुर आवाज़ और भारतीय लोक संगीत की प्रस्तुति ने उन्हें सोशल मीडिया सेंसेशन बना दिया। आज उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, और वह देश-विदेश में स्टेज शो करती हैं।
करोड़ों में है मैथिली ठाकुर की नेटवर्थ
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैथिली ठाकुर एक शो के लिए 5 से 7 लाख रुपये तक फीस लेती हैं। वह सोशल मीडिया और म्यूजिक प्रोजेक्ट्स से हर महीने लाखों रुपये कमाती हैं। उनकी कुल नेटवर्थ करोड़ों रुपये में बताई जाती है।
बीजेपी में उनकी एंट्री से पार्टी को मिथिला और युवा वर्ग में नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। वहीं मैथिली ठाकुर के समर्थक इसे “लोक संगीत से लोक राजनीति तक” का प्रेरणादायक कदम बता रहे हैं।

