द लोकतंत्र/ पटना : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (25 अक्टूबर, 2025) को मुंगेर में हुई एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार का यह चुनाव किसी मुख्यमंत्री को चुनने का नहीं, बल्कि राज्य को लालू-राबड़ी के जंगलराज से बचाने का चुनाव है।
उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार की जनता ने लालू यादव और राबड़ी देवी के शासन को उखाड़ फेंका था और नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की राह चुनी थी। शाह ने चेतावनी दी कि अगर लालू और राबड़ी की वापसी हुई तो बिहार एक बार फिर अपराध, अराजकता और भय के दौर में लौट जाएगा, जबकि मोदी-नीतीश की जोड़ी विकास और सुशासन की गारंटी है।
NDA के पांचों दल पंच पांडव की तरह एकजुट
शाह ने कहा कि NDA के पांचों दल पंच पांडव की तरह एकजुट हैं, जबकि महागठबंधन के दल आपसी मतभेदों में उलझे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि NDA सरकार ने बिहार को जंगलराज और नक्सलवाद से मुक्ति दिलाई, कानून-व्यवस्था को मज़बूत किया और विकास को गति दी।
शाह ने कहा कि लालू-राबड़ी राज के दौरान हत्या, डकैती, अपहरण और नरसंहार जैसी घटनाएं रोज़ की बात थीं, जिसके चलते उद्योग-धंधे बिहार से भाग गए थे। लेकिन NDA के शासन में राज्य ने नई दिशा पाई है।
सीतामढ़ी में मां सीता का मंदिर 850 करोड़ की लागत से बन रहा
अपने भाषण में शाह ने धार्मिक आस्था का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान रामलला का भव्य मंदिर बनवाया और अब सीतामढ़ी में मां सीता का मंदिर 850 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस, सपा, बसपा, ममता और लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि इन सभी दलों ने राम मंदिर का विरोध किया था। शाह ने कहा कि 550 साल तक रामलला टेंट में रहे, लेकिन आज मोदी जी के नेतृत्व में उन्हें उनका घर मिला है।
शाह ने जनता से अपील की कि इस बार का चुनाव बिहार की सुरक्षा, विकास और सम्मान का चुनाव है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार को आगे बढ़ाना है, तो NDA को फिर से बहुमत देकर मोदी-नीतीश की जोड़ी पर भरोसा जताना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता पहले भी जंगलराज को नकार चुकी है और इस बार फिर विकसित बिहार के लिए NDA को ही चुनेगी।

