द लोकतंत्र : संसद सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर हैं। वायनाड में अपने दौरे के दूसरे दिन राहुल ने आदिवासी हितों को लेकर अपनी चिंता साझा की। राहुल ने कहा कि आदिवासियों को प्रतिबंधित और वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। आदिवासियों को जंगलों में रहने तक ही प्रतिंबंधित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि पूरा ग्रह उनके लिए खुला होना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा आदिवासी भारत के मूल मालिक
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि एक तरफ हम आदिवासी कहते हैं और दूसरी तरफ वनवासी कहते हैं, लेकिन वनवासी शब्द के पीछे बहुत अजीब सा तर्क है, जो इस बात से इनकार करता है कि आदिवासी भारत के मूल मालिक हैं और उन्हें जंगलों में रहने के लिए प्रतिबंधित करता है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे आदिवासी भाई-बहन इस देश के मूल मालिक थे और इसका तात्पर्य यह भी है कि इस देश के मूल मालिकों को जमीन, जंगल पर अधिकार दिया जाना चाहिए और जो वे चाहते हैं उन्हें करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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वायनाड दौरे के दूसरे दिन रविवार को राहुल गांधी ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा, आपको (आदिवासी) प्रतिबंधित और वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। पूरा ग्रह आपके लिए खुला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं आदिवासी और दूसरा पक्ष कहता है वनवासी। वनवासी शब्द के पीछे एक विकृत तर्क है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ‘वनवासी’ शब्द के पीछे भावना यह है कि आप जंगल में हैं और आपको कभी जंगल नहीं छोड़ना चाहिए और यह हमें कतई स्वीकार्य नहीं है। हम इस शब्द को स्वीकार नहीं करते हैं।
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे हैं। हाल ही में लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस नेता का ये पहला वायनाड दौरा है।