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Spiritual

Golden Temple of Goddess Lakshmi: 15 हजार किलो सोने से बना मां लक्ष्मी का मंदिर, दिवाली पर उमड़ती है भक्तों की भीड़

the loktantra

द लोकतंत्र : भारत में दिवाली सिर्फ दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि श्रद्धा और समृद्धि का प्रतीक भी है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी हर उस घर में प्रवेश करती हैं, जहां सफाई, दीपक और भक्ति का संगम होता है। इसी आस्था का केंद्र है, तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में स्थित श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर, जो पूरी तरह सोने से बना हुआ है।

15 हजार किलो सोने से सजा मंदिर

यह अनोखा मंदिर मलाईकोड़ी पहाड़ियों पर स्थित है और इसे श्री नारायणी पीठम ट्रस्ट ने बनवाया था। इस मंदिर की बाहरी परत 15,000 किलोग्राम शुद्ध सोने से ढकी हुई है। इसे बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आई थी। यह मंदिर लगभग एक एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी डिजाइन दक्षिण भारतीय वास्तुकला की भव्यता को दर्शाती है।

दिवाली पर विशेष सजावट और पूजा

हर साल दिवाली के मौके पर मंदिर को सोने और रोशनी से जगमग कर दिया जाता है। 20 अक्टूबर 2025 को जब देशभर में दिवाली मनाई जाएगी, तब वेल्लोर का यह मंदिर हजारों दीपों और फूलों से सजा नजर आएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की सोने से सजी प्रतिमा के दर्शन के लिए हजारों भक्त यहां पहुंचते हैं। पूजा-अर्चना और विशेष यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है, जहां भक्त धन-धान्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

मंदिर परिसर का पवित्र सरोवर

मंदिर परिसर में एक विशेष सरोवर बनाया गया है, जिसमें भारत की पवित्र नदियों — गंगा, यमुना, गोदावरी, कावेरी और सरस्वती — का जल मिलाया गया है। इस सरोवर के जल को ‘मनोकामना पूर्ति जल’ कहा जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस जल से स्नान या दर्शन करने से इच्छाएँ पूरी होती हैं।

रात का अद्भुत दृश्य

श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर का नाइट व्यू बेहद आकर्षक होता है। जब लाइटों की किरणें सोने की परत पर पड़ती हैं तो पूरा परिसर दिव्य प्रकाश से दमक उठता है। ऐसा लगता है मानो धरती पर ही स्वर्ग उतर आया हो।

दर्शन और नियम

यह मंदिर साल के 365 दिन खुला रहता है, ताकि भक्त किसी भी दिन दर्शन कर सकें। मंदिर में प्रवेश के लिए पारंपरिक परिधान अनिवार्य है। हालांकि सामान्य दर्शन निःशुल्क हैं, लेकिन विशेष पूजा या यज्ञ के लिए पूर्व बुकिंग करनी होती है।

दिवाली के शुभ अवसर पर श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर श्रद्धा, समृद्धि और भारतीय कला का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। सोने से बना यह मंदिर न केवल स्थापत्य की दृष्टि से अनोखा है, बल्कि आस्था की चमक का प्रतीक भी है। इस दिवाली, अगर आप मां लक्ष्मी के साक्षात दर्शन करना चाहते हैं, तो वेल्लोर का यह गोल्डन टेम्पल आपके लिए सबसे खास गंतव्य साबित हो सकता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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