द लोकतंत्र: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना गया है। Sawan 2025 की शुरुआत भक्ति और साधना से भरपूर रहेगी, क्योंकि इस पूरे माह में व्रत, अभिषेक, ध्यान और संयम का विशेष महत्व होता है। अगर इस मास में श्रद्धा और नियमपूर्वक कुछ संकल्प लिए जाएं, तो यह ना सिर्फ आत्मिक विकास का माध्यम बनते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति भी आती है।
सावन में लिए गए व्रत और संकल्पों का असर कई गुना अधिक होता है। इसलिए इस लेख में हम आपको पांच ऐसे सरल लेकिन असरदार संकल्पों के बारे में बता रहे हैं जो आप इस सावन में ले सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि सावन के सोमवार क्यों इतने खास माने जाते हैं।
सावन में लें ये 5 विशेष संकल्प
ब्रह्म मुहूर्त में उठने का संकल्प लें
सावन के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से करीब 45 मिनट पहले) उठें और किसी एक साधना या व्रत का संकल्प लें। हाथ में चावल और गंगाजल लेकर आंखें बंद करें, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव को भोग अर्पित करें। यह दिनचर्या आपकी ऊर्जा को सकारात्मक बनाएगी।
नियमित योग और प्राणायाम करें
हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट तक योग और प्राणायाम करें। विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त में यह अभ्यास मानसिक शांति, शरीर की शुद्धता और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति देता है।
ध्यान और मंत्र जप
शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठकर ध्यान करें। “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। आप 11, 21, 51 या 108 माला में मंत्रों का जप कर सकते हैं।
उपवास का संकल्प लें
सोमवार को फलाहार व्रत रखें या पूरे सावन महीने में एक दिन नियमित उपवास करें। इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है। यह संकल्प तप और संयम की भावना जागृत करता है।
शिवलिंग पर अभिषेक करें
हर सोमवार या रोज सुबह शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। बेलपत्र, दूध, जल, पुष्प आदि अर्पित करें। यह पूजा घर पर या मंदिर में की जा सकती है। ब्रह्म मुहूर्त में अभिषेक करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
सावन के सोमवार का महत्व
इस वर्ष Sawan 2025 में चार सोमवार पड़ रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं वैवाहिक सुख व अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। साथ ही, यह दिन इच्छाओं की पूर्ति, मन की शांति और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।