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हेल्दी मानकर रोज़ाना गुड़ खाने से पहले जान लें नुकसान; बढ़ सकता है शुगर, वजन और इंफेक्शन का जोखिम

The loktnatra

द लोकतंत्र : भारत में गुड़ सदियों से सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा रहा है। रिफाइंड शुगर की तुलना में इसमें आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसके कारण इसे चीनी का ‘नेचुरल स्वीट’ विकल्प माना जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि गुड़ को पूरी तरह से सुरक्षित मानकर उसका अनियंत्रित दैनिक सेवन करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। किसी भी चीज की तरह, गुड़ की भी अधिकता स्वास्थ्य के लिए उतनी ही खतरनाक है, जितनी कि सफेद चीनी।

गुड़ में भी शुगर और उच्च कैलोरी

गुड़ के सेवन में बढ़ती लापरवाही की मुख्य वजह यह धारणा है कि यह चीनी से अलग है। लेकिन यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है।

  • शुगर की उपस्थिति: 100 ग्राम गुड़ में लगभग 10 से 15 ग्राम फ्रक्टोज (Fructose) समेत ग्लूकोज की भी पर्याप्त मात्रा होती है। इसका अर्थ है कि अधिक मात्रा में रोज़ाना गुड़ खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ना बिल्कुल संभव है।
  • मधुमेह और ट्राइग्लिसराइड्स: विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज या लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित लोगों को गुड़ का सेवन सीमित रखना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाने में योगदान दे सकता है।

वजन और पाचन पर सीधा प्रभाव

सेहत के प्रति जागरूक लोग अक्सर गुड़ को वजन घटाने वाली डाइट में शामिल करते हैं, लेकिन गुड़ में कैलोरी की मात्रा पर ध्यान देना आवश्यक है।

  • वजन बढ़ने का खतरा: सिर्फ 100 ग्राम गुड़ में लगभग 383 कैलोरी होती हैं। इसकी अधिक मात्रा सीधे तौर पर वजन बढ़ाने में योगदान करती है।
  • पाचन संबंधी गड़बड़ी: ज्यादा गुड़ खाने से पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है। चूंकि गुड़ शरीर में गर्मी पैदा करता है, इसलिए अधिक सेवन से पेट में जलन, कब्ज या असहजता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इंफेक्शन और एलर्जी का जोखिम

गुड़ को गन्ने के रस से बनाया जाता है, और इसकी उत्पादन प्रक्रिया में स्वच्छता की कमी एक बड़ी समस्या होती है।

  • असुरक्षित उत्पादन: यदि कच्चे रस की ठीक से सफाई न हो या गुड़ गंदे माहौल में तैयार हुआ हो, तो उसमें कीटाणु या अशुद्धियां रह जाती हैं। खराब गुणवत्ता वाले गुड़ के सेवन से पेट में संक्रमण (Infection) होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • एलर्जिक रिएक्शन: कुछ लोगों को गुड़ की अधिक मात्रा से एलर्जिक प्रतिक्रिया भी हो सकती है, जिसमें मतली, उल्टी, सिरदर्द या त्वचा पर असामान्य प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।

निष्कर्षत:, गुड़ का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में, सही समय पर और उच्च गुणवत्ता (भरोसेमंद ब्रांड) का ही करना चाहिए ताकि इसके पोषक तत्वों का लाभ मिल सके और दुष्प्रभावों से बचा जा सके।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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