द लोकतंत्र : अनजान नंबर्स से आ रहे प्रमोशनल कॉल्स/एसएमएस की वजह से लोगों के साथ फाइनेंसियल फ्रॉड के केसेज बढ़ते जा रहे हैं। लोग इन वजहों से अपनी ‘हार्ड अर्न’ मनी गंवा रहे हैं और फ्रॉड का शिकार बन रहे हैं। आम लोगों के लिए सरदर्द बन चुके ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड्स को देखते हुए वित्तीय मामलों के सचिव ने 12 संगठनों के स्टेकहोल्डर्स के साथ बड़ी बैठक की है। इस बैठक में ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए उपायों पर चर्चा की गई।
बैठक में सरकार ने बताया कि फाइनेंशियल फ्रॉड के मामलों से जुड़े 1.4 लाख मोबाइल हैंडसेट्स टेलीकॉम विभाग ने ब्लॉक किए हैं। साथ ही सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कमर्शियल प्रमोशनल कॉलों के 10 डिजिट के नंबर की जगह 6 डिजिट के सीरीज वाले नंबर को लॉन्च करने को कहा है जिससे साइबर ठग बैंक या वित्तीय संस्थानों के एजेंट बनकर लोगों के साथ फ्रॉड ना कर सके।
फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर और ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड प्रिवेन्शन के लिए पहली बैठक बीते वर्ष 28 नवंबर 2023 में हुई थी। उस दौरान बैठक में तय की गई योजनाओं और तैयारियों की समीक्षा इस बैठक में की गई। बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल पेमेंट फ्रॉड्स के बढ़ते ट्रेंड और उससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा हुई।
बता दें, बीते वर्ष नवंबर में सरकार की तरफ़ से बताया गया था कि डिजिटल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म के जरिए साइबर फ्रॉड हेतु रिपोर्ट किए गए ऐसे 70 लाख मोबाइल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट किया गया है जो सायबर क्राइम और फ्राइनेंशियल फ्रॉड में शामिल थे। इसके अलावा 900 करोड़ रुपये के रकम को फ्रॉड से बचाया जा सका जिससे 3.5 लाख लोगों को लाभ हुआ।
वित्तीय संस्थानों के लिए स्टैण्डर्ड मानक बनाने पर काम
बैठक के अन्तर्गत सभी बैंकों के लिए एक मानक (SoP) और एक्शन प्लान बनाने पर काम चल रहा है। बैंक और वित्तीय संस्थान स्टैंडर्ड फॉर्मेट में जानकारी एनफोर्समेंट एजेंसी के साथ जानकारी शेयर करेंगे।
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वहीं, बीते मंगलवार यानी 6 फरवरी को सरकार की ओर से लोकसभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक साल 2023 में वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के कुल 11.28 लाख मामले सामने आए। देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश से दर्ज किए गए। वहीं, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा। वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के तहत ‘सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम’ की स्थापना की गई है।