द लोकतंत्र: क्या आप जानते हैं कि रोजाना सिर्फ 7000 कदम चलने की आदत न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है, बल्कि मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन और डिमेंशिया से भी आपको बचा सकती है? आधुनिक जीवनशैली में लोग घंटों बैठे रहते हैं, जिससे तनाव, थकान और मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में चलने जैसी सरल आदतें चमत्कारी असर दिखा सकती हैं।
डिप्रेशन और डिमेंशिया कितने खतरनाक?
डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति निराशा, थकावट और जीवन के प्रति अरुचि महसूस करता है। वहीं, डिमेंशिया एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें याददाश्त, सोचने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। ये समस्याएं मुख्य रूप से बढ़ती उम्र, असंतुलित खानपान, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण होती हैं।
7000 कदम क्यों जरूरी?
रोजाना चलना एक साधारण लेकिन बेहद असरदार व्यायाम है।
चलने से शरीर में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे ‘हैप्पी हॉर्मोन्स’ बढ़ते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं।
नियमित वॉक करने से दिमागी कोशिकाएं एक्टिव रहती हैं और न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन मजबूत होता है।
इससे डिप्रेशन और डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है।
अन्य फायदे
अच्छी नींद और तनाव में कमी।
वजन नियंत्रण और हार्ट हेल्थ में सुधार।
ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है।
मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार होता है।
चलने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:
चलने का निश्चित समय और रूटीन बनाएं।
आरामदायक जूते पहनें और सही पॉस्चर में चलें।
शुरुआत में धीरे-धीरे कदमों की संख्या बढ़ाएं।
मोबाइल पर ध्यान न दें, आसपास के वातावरण को महसूस करें।
हाइड्रेटेड रहें और जरूरत पर ब्रेक लें।
रात में भारी भोजन के तुरंत बाद चलने से बचें।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोग मानसिक और शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में रोजाना 7000 कदम चलना एक छोटी लेकिन अत्यंत प्रभावी आदत बन सकती है। यह न केवल जीवनशैली में सुधार लाती है, बल्कि गंभीर मानसिक बीमारियों के जोखिम को भी घटा देती है।