National

लोकसभा चुनाव से पहले बंद बोतल से निकलेगा CAA का जिन्न, कानून लागू करने की तैयारी में केंद्र सरकार

Before the Lok Sabha elections, the genie of CAA will come out of the closed bottle, the central government is preparing to implement the law.

द लोकतंत्र : सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग का आंदोलन आपके जेहन में जरूर होगा। देशभर में CAA के खिलाफ लंबे समय तक प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाके में ‘काग़ज नहीं दिखाएगें’ का नारा लगाने वाली भीड़ और उस वक़्त की सियासी परिस्थितियों ने पूरे देश को अपनी तपिश से गर्म कर रखा था। अब फिर से केंद्र सरकार सीएए कानून को लागू करने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक देश में लोकसभा चुनाव से पहले ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के नियम लागू हो जाएंगे।

CAA 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था

दरअसल, CAA को लेकर देश में पहले ही विरोध के स्वर उठ चुके हैं जिसे लेकर लम्बे समय तक सियासी गतिरोध जारी रहा जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे होल्ड पर रख दिया था। लेकिन, केंद्र की मंशा अब इसे लागू करने की है। बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।

हालाँकि, CAA लागू होने की सुगबुगाहट के साथ ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं और केंद्र सरकार द्वारा इसे लागू करने की राह आसान नहीं होने वाली है। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने CAA को लेकर कहा कि सीएए को एनपीआर-एनआरसी के साथ पढ़ा और समझा जाना चाहिए जो इस देश में आपकी नागरिकता साबित करने की शर्तें रखेगा। यदि ऐसा होता है तो यह बड़ा अन्याय होगा, खासकर मुसलमानों, दलितों और देश की गरीब जनता के साथ, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म से संबंध क्‍यूं ना रखते हों। ओवैसी ने यह भी कहा कि सीएए संविधान विरोधी है और यह कानून का उल्लंघन करता है। सीएए धर्म के आधार पर बना है।

यह भी पढ़ें : भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए कसी कमर, ‘अबकी बार 400 पार तीसरी बार मोदी सरकार’ का दिया नारा

हाल ही में 27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक बयानमें कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता। यह देश का कानून है। बता दें, गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है।

द लोकतंत्र का ऐप डाउनलोड करें : यहां क्लिक करें

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं