द लोकतंत्र: अगर आप रोज़मर्रा के ट्रैफिक से परेशान रहते हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार करके थक चुके हैं, तो अब आपके लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए बाइक टैक्सी को कानूनी मान्यता दे दी है। खास बात ये है कि अब निजी टू-व्हीलर को भी कमर्शियल उपयोग में लाया जा सकेगा।
महाराष्ट्र बना देश का पहला राज्य
महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने बाइक टैक्सी संचालन के लिए आधिकारिक मंजूरी दे दी है और नए नियमों को लागू कर दिया है। इससे अब आपकी निजी बाइक भी टैक्सी की तरह चलाई जा सकती है, बशर्ते आप राज्य के नियमों का पालन करें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।
कौन-कौन से नियम हुए हैं बदलाव?
अब तक सिर्फ येलो बोर्ड वाली गाड़ियों को ही कमर्शियल परमिट दिया जाता था। निजी बाइक से पैसेंजर ढोना गैरकानूनी माना जाता था। लेकिन अब यह नियम बदल चुका है:
निजी टू-व्हीलर को कमर्शियल रूप से उपयोग करने की अनुमति
GPS और पैनिक बटन अनिवार्य
ड्राइवर के पास वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस और यूनिफॉर्म जरूरी
बाइक पर QR कोड भी लगाना होगा
इलेक्ट्रिक बाइक को प्राथमिकता, पेट्रोल बाइक सिर्फ चार्जिंग सुविधा न होने वाले क्षेत्रों में
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को मिलेगा बढ़ावा
महाराष्ट्र सरकार की नीति यह भी दर्शाती है कि आने वाले समय में सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर को मज़बूती से प्रमोट करना चाहती है। इससे एक ओर जहां प्रदूषण कम होगा, वहीं EV इंडस्ट्री को भी नया बाजार मिलेगा।
कर्नाटक में फिलहाल रोक
दूसरी ओर, कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्देश पर 16 जून 2025 से वहां ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। ओला, उबर और रैपिडो जैसे राइड-हेलिंग ऐप्स ने अपने ऐप्स से बाइक टैक्सी सेवा का विकल्प हटा लिया है।
नए नियमों से अब आम नागरिक भी अपनी निजी बाइक को कमाई के साधन में बदल सकता है। इसके लिए राज्य के दिशानिर्देशों के तहत रजिस्ट्रेशन, सेफ्टी फीचर्स और लाइसेंस ज़रूरी होंगे। महाराष्ट्र की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।