द लोकतंत्र: भारत ने अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। लगातार बढ़ती चुनौतियों, खासकर चीन की ओर से, को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत को हाईटेक और आधुनिक तकनीकों से लैस किया है। हाल के दिनों में भारतीय सेना में शामिल हुए तीन प्रमुख युद्धपोत— INS सूरत, INS नीलगिरी, और INS वाघशीर— इसकी गवाही देते हैं।
आपको बताते चलें कि भारतीय नौसेना में हाल ही में शामिल इन तीनों युद्धपोतों INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर की ताकत अलग-अलग क्षेत्रों में है।
INS सूरत: सतह से सतह और सतह से हवा में मिसाइलें दागने में सक्षम।
INS नीलगिरी: अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस।
INS वाघशीर: दुश्मन की पनडुब्बियों और जहाजों को खत्म करने में माहिर।
न्यूक्लियर सबमरीन: भारत की अद्वितीय शक्ति
अब भारत के पास दो अत्याधुनिक न्यूक्लियर सबमरीन भी हैं, जो किसी भी परिस्थिति में दुश्मन का खात्मा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। यह सबमरीन भारत की समुद्री ताकत को नई ऊंचाई पर ले गई हैं। ये सबमरीन परमाणु रिएक्टर से संचालित होती हैं, जिससे इनमें अथाह ऊर्जा का भंडार रहता है। यह क्षमता उन्हें महीनों तक पानी के भीतर रहने और दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखने की ताकत देती है।
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न्यूक्लियर सबमरीन अत्यधिक गुप्त तरीके से काम करती हैं। दुश्मन के लिए उनका पता लगाना लगभग असंभव होता है, जिससे वे अचानक हमला करने में सक्षम होती हैं। ये सबमरीन लंबी दूरी तक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलें दागने में सक्षम हैं। इस कारण से ये न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करती हैं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी देश को मजबूती प्रदान करती हैं।
भारत का वैश्विक स्तर पर स्थान
भारत दुनिया के उन छह चुनिंदा देशों में शामिल है, जिनके पास न्यूक्लियर सबमरीन की ताकत है। यह सूची अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और भारत जैसे महाशक्तिशाली देशों को दर्शाती है।
चीन की चुनौती और भारत की तैयारी
चीन की आक्रामक गतिविधियों के कारण हिंद महासागर में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है। चीन की नौसेना के बढ़ते दखल को रोकने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारत ने अपनी समुद्री ताकत को कई गुना बढ़ाया है। न्यूक्लियर सबमरीन के साथ, भारत की क्षमताएं अब ऐसी हो गई हैं कि वह किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
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भारत की योजना निकट भविष्य में और अधिक न्यूक्लियर सबमरीन को नौसेना में शामिल करने की है। इसके अलावा, स्वदेशी स्तर पर न्यूक्लियर पनडुब्बियों के निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। न्यूक्लियर सबमरीन और आधुनिक युद्धपोतों की मौजूदगी ने भारतीय नौसेना को एक नई मजबूती दी है। भारत अब समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है और किसी भी दुश्मन के इरादों को नाकाम करने के लिए तैयार है। इन प्रयासों ने न केवल भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाया है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर एक मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित किया है।