द लोकतंत्र/ रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुक्रवार (26 सितंबर) को एक दर्दनाक हादसा हुआ। जिले के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित गोदावरी इस्पात प्लांट (Godawari Steel Plant Accident) में काम के दौरान भारी ढांचा अचानक गिर पड़ा। इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय प्लांट में करीब 200 से अधिक श्रमिक मौजूद थे, जिससे कई लोगों के झुलसने और दबने की आशंका जताई जा रही है।
रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जब मजदूर और कर्मचारी प्लांट में काम कर रहे थे, तभी छत जैसा बड़ा ढांचा टूटकर नीचे गिर पड़ा। इस मलबे के नीचे दबकर 6 श्रमिकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और 6 घायल अवस्था में अस्पताल भेजे गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। फिलहाल आशंका जताई जा रही है कि मलबे के नीचे कुछ और लोग भी दबे हो सकते हैं।
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
हादसे के तुरंत बाद घायलों और मृतकों को पास के अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों का इलाज कर रही है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मुझे भी जानकारी मिली है और यह बेहद दुखद है कि मजदूरों की मृत्यु हुई है। हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और प्रशासन से पूरी जानकारी ले रहे हैं।
कांग्रेस ने जांच और मुआवजे की मांग की
इस हादसे पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा, रायपुर गोदावरी इस्पात हादसे में 6 लोगों की मृत्यु बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं और मैं घायल श्रमिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। सरकार को चाहिए कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच कराए और मृतकों के परिवारों को तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाए।
लापरवाही या तकनीकी खराबी?
स्थानीय लोगों और मजदूरों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं प्लांट में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम हैं। अक्सर मजदूर बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के काम करने को मजबूर होते हैं। हादसे के असली कारण का पता लगाने के लिए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
यह घटना एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्थाओं (Industrial Safety in Chhattisgarh) पर सवाल खड़े करती है। मजदूरों की जान की कीमत चुकाकर उद्योगों का संचालन किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।

